गीत/नवगीत

एक था राजा एक थी रानी

बजने दे पायल की रुनझुन
कहने दे फिर वही कहानी
एक था राजा एक थी रानी

मौन की जब जब टूटी कारा
शब्दों ने तब गीत सँवारा
जब संगीत मिला गीतों से
फूट पड़ी स्मृति की धारा

गीत मेरा संगीत तुम्हारा
साज नया हो बात पुरानी

दिल मे हूक लगे तब उठने
पेड़ों पर जब पपिहा बोले
नीलगगन सी विस्तृत यादें
क्यों यादों के परदे खोले

वो पनघट की मधुरिम सुबहें
वो मधुवन की शाम सुहानी

खेल-खेल में छेड़ दिया तो
रूठी राधा कृष्ण मनाये
बात बात में बात बढ़ी यूँ
हठ कर बैठी पास न आये

यादों में वो मान मनव्वल
भूल न सकती खींचातानी
         

प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून'

नाम-प्रवीण श्रीवास्तव 'प्रसून' जन्मतिथि-08/03/1983 पता- ग्राम सनगाँव पोस्ट बहरामपुर फतेहपुर उत्तर प्रदेश पिन 212622 शिक्षा- स्नातक (जीव विज्ञान) सम्प्रति- टेक्निकल इंचार्ज (एस एन एच ब्लड बैंक फतेहपुर उत्तर प्रदेश लेखन विधा- गीत, ग़ज़ल, लघुकथा, दोहे, हाइकु, इत्यादि। प्रकाशन: कई सहयोगी संकलनों एवं पत्र पत्रिकाओ में। सम्बद्धता: कोषाध्यक्ष अन्वेषी साहित्य संस्थान गतिविधि: विभिन्न मंचों से काव्यपाठ मोबाइल नम्बर एवम् व्हाट्सअप नम्बर: 8896865866 ईमेल : praveenkumar.94@rediffmail.com