कविता

समय बड़ा बलवान

समय बड़ा बलवान
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समय बड़ा बलवान रे साथी, समय………
देखो समय – समय के खेल निराले
समय पे छलके मदिरा के प्याले
समय पे बीत गई वो हंसी जवानी
प्यास लगी पर मिला नहीं समय पे पानी ||

परिवर्तन है नाम समय का रे साथी
सुंदर – सुंदर मुखड़े समय पे सूखे – पिचके
छोड़ कुकर्म, काम करो कुछ नीके
समय पे मजबूत लोहा भी गल जाता
पर्वत पिस-पिस समय पे चूरन बन जाता ||

समय बड़ा बलवान रे साथी, समय……….

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
गॉव रिहावली, डाक तारौली,
फतेहाबाद-आगरा 283111

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

नाम - मुकेश कुमार ऋषि वर्मा एम.ए., आई.डी.जी. बाॅम्बे सहित अन्य 5 प्रमाणपत्रीय कोर्स पत्रकारिता- आर्यावर्त केसरी, एकलव्य मानव संदेश सदस्य- मीडिया फोरम आॅफ इंडिया सहित 4 अन्य सामाजिक संगठनों में सदस्य अभिनय- कई क्षेत्रीय फिल्मों व अलबमों में प्रकाशन- दो लघु काव्य पुस्तिकायें व देशभर में हजारों रचनायें प्रकाशित मुख्य आजीविका- कृषि, मजदूरी, कम्यूनिकेशन शाॅप पता- गाँव रिहावली, फतेहाबाद, आगरा-283111