कविता

फिर आना होगा भगत को

सुनो भगत सिंह तुमको फिर से , भारत में आना होगा

सोये दिखते लोग यहाँ पर ,उन्हें फिर जगाना होगा

 

कोई भारत माँ को गाली , देता है विध्यालय में

और वही माफ़ी पा जाता , है अपने न्यायालय में

क्या ऐसा भारत चाहा था , तुमने जब कुर्बानी दी

आज यहाँ पर पूजा होती ,अफजल बुरहन वानी की

कोई दुर्गा माँ को अपने , अपशब्दो से तौल रहा

भारत के टुकड़े फिर होंगे , खुल्लम खुल्ला बोल रहा

और यहाँ के नेतागण भी , उनको खूब समर्थन दे

उनकी तारीफे करते है , उनको उत्साहवर्धन दे

देश भक्ति क्या होती है ये , फिर से बतलाना होगा

सुनो भगत सिंह तुमको फिर से , भारत में आना होगा

मनोज डागा

निवासी इंदिरापुरम ,गाजियाबाद ,उ प्र, मूल निवासी , बीकानेर, राजस्थान , दिल्ली मे व्यवसाय करता हु ,व संयुक्त परिवार मे रहते हुए , दिल्ली भाजपा के संवाद प्रकोष्ठ ,का सदस्य हूँ। लिखना एक शौक के तौर पर शुरू किया है , व हिन्दुत्व व भारतीयता की अलख जगाने हेतु प्रयासरत हूँ.