क्या है जीवन
धोखा मिला सहारा मिला
डूबते हुए को किनारा मिला
हँसना हुआ रोना कभी
मिलना हुआ बिछड़े कभी
सफलता मिली शून्य मिला
हँसे हमेशा हम खिलखिला
शिखर भी चढ़े नदी में डूबे
उत्साह रहा पर कभी ऊबे
खोजा कुछ कभी खोए कहीं
रोए कभी हाँ कभी रोए नहीं
पत्र मिला कभी तार मिला
दुश्मन मिले यार मिला
मौत से हमेशा रहा फासला
चलता रहा ये सिलसिला
जीवन है क्या पानी की बूँद
या बुलबुला या बुलबुला
जीवन है संगीत या कोई मीत
जीवन है हार या कोई जीत
जीवन है झूठ या कोई सत्य
जीवन है तत्व या कोई तथ्य
जीवन है सूरज या शाम है
जीवन है संघर्ष या आराम है
क्या है जीवन ये समझा नहीं
बातें लोगों ने बहुत कहीं
– नवीन कुमार जैन