लघुकथा

सूरत !

प्रीती और समीर एक दूसरे से शादी में मिले थे। प्रीती अपनी मर्ज़ी और पसंद से अपने मुताबिक लड़के से शादी करना चाहती थी। शादी में प्रीती से जब मुलाकात हुई उसे पहली ही नज़र में प्रीती पसंद आ गई। उसने अपनी मर्ज़ी घरवालों को शादी में ही बता दी। प्रीती के घरवालों तक यह बात पहुंची तो उनको पता चला कि समीर वही लड़का था जिसका रिशता प्रीती ने सूरत देख कर ही मना कर दिया था । पर समीर को देखकर प्रीती भी खामोश हो गई थी सूरत तो इतनी अच्छी नहीं थी पर उसके बात करने का तरीका , अपने ममी पापा के साथ मधुर व्यवहार और तहज़ीब ने उसे दो दिन में ही समीर का दिवाना बना दिया था। शादी खत्म हो गई थी , समीर ने प्रीती के घरवालों से उनकी राय जाननी चाही उनको तो कोई ऐतराज़ नहीं था पर वो प्रीती से डरते थे कि उसने पहले भी न कर दी थी । यह बात प्रीती को पता चली कि समीर और उनके घरवाले शादी के लिए जवाब मांग रहे हैं तो उसने चुपके से मां के पास जाकर कह दिया मां मुझे समीर पसंद है । सभी की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा , एक शादी के समारोह ने दो अलग राहों पर जाते हुए इंसानो को एक मंज़िल दिखा दी थी।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |