गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

जिम्मेदारियों का जरा भी अहसास नही है !
लगता है उसे खुद पर विश्वास नही है !!

कुछ ऐसे दिन दिखाए है ज़माने ने उसको !
कि खुशियों की अब उसे तलास नही है !!

सारी की सारी उम्मीदें टूट गई उसकी !
कुछ पाने की उसे अब आस नही है !!

घिर गया है अंधेरो से जीवन उसका !
मैंने देखा है ज्ञान का प्रकास नही है !!

ड्रामेबाज है बहुत बड़ा वो नन्हाकवि !
मुझे लगता है कि वो उदास नही है !!

— शिवेश अग्रवाल ”नन्हाकवि”

शिवेश हरसूदी

खिरकिया, जिला हरदा (म.प्र.) मो. 8109087918, 7999030310