कविता

कब बरसोगे ?

डबडबी आँखों से… कृषक निहारे
कर दे मेघा तू … अब तो बौछारें
कब बरसोगे ?

सूखी हैं फसलें… सूखे हैं खेत
मिट्टी भी मुझको… दिखती है रेत
कब बरसोगे ?

उपजाऊ धरती… बन जाये न बंजर
जीते जी देखूं … कैसे ये मंजर
कब बरसोगे ?

पसरा है सूखा… देखो चहूँ ओर
सुख की लगता… होगी न भोर
कब बरसोगे ?

ये जर्जर साँसें… जाने कब रुक जाएँ
बरसे गर तू… शायद मौत टल जाए
कब बरसोगे ?

रख लो न मेघा… धरतीपुत्र का मान
वरना डूब कर्ज में… देनी पड़ेगी जान
कब बरसोगे ?

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed