लघुकथा

तिलांजलि

आज फिर एक दुःखदाई समाचार पर नजर पड़ी-

”लखीमपुरः हर्ष फायरिंग में दूल्हे की गोली लगने से मौत, विडियो वायरल”

उफ्फ! कितनी मनहूस बन गई हर्ष फायरिंग. एक फायरिंग, जो हर्ष के लिए होनी थी, वह दुःखद फायरिंग बन गई. शादी की शहनाई की गूंज मातमी धुन में बदल गई. हर्ष से प्रफुल्लित वातावरण गमगीन माहौल में बदल गया. समाचार पत्र की इस सुर्खी ने मुझे 2014 की एक दुर्घटना की याद दिला दी.

बरात द्वार पर आ पहुंची थी. वर पक्ष और वधू पक्ष के लोग खुशी से नाच रहे थे. खुशी का आलम अपने पूरे शबाब पर था. तभी द्वाराचार की रस्म में हर्ष फायरिंग होने से लड़की पक्ष का एक व्यक्ति घायल हो गया. गोली चलने से बरात में अफरा-तफरी मच गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके पर मुआयना किया और घायल को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. माहौल में गमगीनी बनी रही और किसी तरह बिना उमंग-तरंग के शादी की बाकी रस्में सम्पन्न हुईं.

इसके साथ ही ऐसी अनेक दुर्घटनाएं मेरे ज़ेहन में घूम गईं. मेरे मन से आवाज आई-

”हम ऐसी दुःखदाई रस्मों को तिलांजलि क्यों नहीं दे देते!”

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “तिलांजलि

  • कुमार अरविन्द

    उफ

    • लीला तिवानी

      प्रिय अरविंद भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको रचना बहुत प्रेरणादायक लगी. आपकी लाजवाब टिप्पणी ने इस ब्लॉग की गरिमा में चार चांद लगा दिये हैं. आपके एक ही शब्द ने बहुत कुछ कह दिया है. ब्लॉग का संज्ञान लेने, इतने त्वरित, सार्थक व हार्दिक कामेंट के लिए हृदय से शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    द्वाराचार के समय रस्म के नाम पर होने वाली फायरिंग को न जाने किसने हर्ष फायरिंग का नाम दे दिया? अब देखिये न क्या हुआ?

    नाचते गाते बाराती दुल्हन के दरवाजे पर पहुचे और उसके बाद दूल्हे को गोद में उठाकर द्वाराचार के लिए ले जाया गया। इधर बाराती डीजे पर डांस कर रहे थे। महिलाएं मंगल गीत गा रही थीं। इसके बाद द्वाराचार शुरू हुआ। इस दौरान ताबड़तोड़ हर्ष फायरिंग होने लगी। द्वाराचार में बैठे दूल्हे ने अचानक सीने पर हाथ लगाया। कोई कुछ समझता इससे पहले दूल्हे को एक और झटका लगा। किसी को कुछ समझ नहीं आया। दूल्हे के बगल में बैठे व्यक्ति ने उससे कुछ पूछना चाहा। इसके बाद दूल्हे ने सीने से हाथ हटाया तो वहां से खून निकल रहा था। इसके बाद सभी को पता चला कि दूल्हे को गोली लगी है।

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