लघुकथा

कोमलता

हम बचपन से ही सुनते आ रहे हैं कि तूफान में बड़े-बड़े पेड़ कठोर होते हुए भी अड़े रहने के कारण गिर जाते हैं, लेकिन छोटी-छोटी कोमल घास विनम्रता से झुक जाने के कारण बची रह जाती है.

इटली में पीसा की प्रसिद्ध मीनार (लीनिंग टावर ऑफ पीसा) ने साल 1280 के बाद कई शक्तिशाली भूकंप झेले हैं, लेकिन इसके बावजूद वह खड़ी है, इसकी वजह मीनार की नींव में डाली गई नरम मिट्टी है. मीनार की ऊंचाई और कठोरता के साथ-साथ नींव में डाली गई मिट्टी की कोमलता से भूकंप आने पर यह हिलती नहीं है. यह इसके बचे रहने की मुख्य वजह है.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

One thought on “कोमलता

  • लीला तिवानी

    इस मीनार के झुकी होने के कारण ऐसी आशंका रहती थी कि इसे गंभीर नुकसान पहुंच सकता है या यहां तक कि हल्के से भूकंप के कारण यह गिर भी सकती है। बहरहाल इस क्षेत्र में वर्ष 1280 के बाद 4 बार शक्तिशाली भूकंप आए लेकिन उसके बावजूद अभी तक इस मीनार का बाल भी बांका नहीं हुआ। उपलब्ध भूकंपीय, भू-तकनीकी और ढांचागत सूचना का अध्ययन करने के बाद 16 इंजिनियरों के एक शोध समूह ने पाया कि इस मीनार के खड़े रहने के लिए इसकी नींव में डाली गई मिट्टी जिम्मेदार है जिसने जमीन के नीचे हुई गतिविधि के कारण मीनार में हुई गतिविधि पर प्रभाव डाला।

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