गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका – याद आये तो…

याद जो उनकी आये मुस्कुरा लिया करो!
याद मे उनकी गजल कोई गा लिया करो!!

है जो शोखियां बुलन्द महबूब के आपकी!
लाजिमी लगे तो उन्हे जरा हवा दिया करो!!

नकाब जो सरका महबूब का तेरे खातिर!
तीरे नजर का झुककर वास्ता दिया करो!!

दहकती हुई आग को न देना तुम रास्ता!
हसकर अपने रकीब को मना लिया करो!!

जरा ठहरो तो सही पूरी हो जाये गजल!
न नजरे घुमा वक्त का तकाजा दिया करो!!

तेरे ही तसब्बुर मे लिखी मैने ये गजल!
अधूरे अल्फाज तो पूरे करा दिया करो!!

प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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