कविता

सदा खुश रहो

Happy Birthday Dear Aaroh

  प्रिय पोते आरोह 


जन्मदिन मुबारक हो
सदा खुश रहो
ऐसे ही हंसी-खुशी
अनगिनत जन्मदिन मनाते रहो.
कल तुम्हें फुटबाल मैच खेलते हुए देखा
सच कहती हूं
फीफा का मैच याद आ गया
फीफा वर्ल्ड कप 2018 में
लियोनेल मेसी के शानदार गोल ने
उनके फैंस को खुश कर दिया था
तुमने भी अपना डिफैंडर का रोल निभाते हुए
खिलाड़ी नं. 44 को ऐसा जानदार पास दिया
कि वह गोल कर सका
अचानक हम सबके मुख से निकला
Well done आSSSSरोह
और इसी गोल के साथ मैच की समाप्ति हो गई
तुम्हारी टीम फाइनल में पहुंच गई.
मैदान से बाहर आने पर
तुम्हारे कोच ने तुम्हें
बधाई दी थी
शाबाशी दी थी
वह बधाई और शाबाशी तुम्हारे लिए भी थी
हमारे लिए भी थी
फिर तुमने सबको
अपने जन्मदिन का केक खिलाया था
सारा माहौल
Happy Birthday Dear Aaroh
की झंकार से गूंज उठा
हमारा मन-मयूर भी नाच उठा
ऐसे ही डिफैंडर बनकर
देश को डिफैंड करते रहो
सदा खुश रहो
सदा खुश रहो
सदा खुश रहो.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

3 thoughts on “सदा खुश रहो

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , ऐरोह के जन्म दिन की आप सब को बहुत वधाई हो ,बड़े फुले और आप का नाम रौशन करे , यही भगवान् से प्रार्थना है .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आप लोगों की बधाइयां और शुभकामनाएं हमारे लिए बहुत बड़ा उपहार है. आपको कोटिशः शुक्रिया और धन्यवाद.

  • लीला तिवानी

    प्रिय पोते आरोह

    गीत खुशी के गाता रहे

    तेरे जन्मदिन की शुभ वेला,
    लगा बहारों का है मेला।
    तेरी खुशियों से खुश होकर,
    मौसम भी लगता अलबेला॥

    चंदा बरसाता है चंदनिया,
    चांदी-सा चमके हर कोना।
    चमक-चमककर दमक-दमककर,
    सूरज बरसाता है सोना ॥

    छम-छम बूंदें बरस रही हैं,
    सब कहते हैं आई वर्षा।
    मेरा मत है शुभ अवसर पर,
    परमपिता का मन भी हर्षा॥

    महक रहा है उपवन सारा,
    महक रहीं खुशियों से कलियां।
    अमराई में कोयल गाए,
    गूंज से गुंजित सारी गलियां॥

    धरती लाई भेंट धैर्य की,
    अंबर में आशा का मेला।
    सागर ने मोती वारे हैं,
    आई कितनी प्यारी वेला!

    यूं ही जन्मदिन आता रहे,
    हर वर्ष तुम्हें हर्षाता रहे।
    जीवन हो मस्ती से पूरित,
    गीत खुशी के गाता रहे॥

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