गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य

ग़ज़ल

चनावी दंगलों में स्याह धन की आजमाइश है
इसी में रहनुमा के मन वचन की आजमाइश है |
सभी नेता किये दावा कि उनकी टोली’ जीतेगी
अदालत में अभी तो अभिपतन की आजमाइश है |
खड़े हैं रहनुमा जनता के’ आँगन जोड़कर दो हाथ
चुने किसको, चुनावी अंजुमन की आजमाइश है |
लगे हैं आग भड़काने में’ स्वार्थी लोग दिन रात एक
सरल मासूम जनता की सहन की आजमाइश है |
लिया है जन्म इस भारत में’,यह है माँ समान आराध्य
विवेकी कठघरा में हमवतन की आजमाइश है |
ग़ज़ल नज़्म और वो किस्से लिखे जो भी अभी तक वे
महफ़िल में अब सभी माहिर सुखन की आजमाइश है |
चमनआरा कभी भी कुछ कसर छोड़ा नहीं है फिर
यही कहना सही होगा, चमन की आजमाइश है |
लहंगा और चोली सब हुई है जीर्ण नव युग में
नए युग में स्वदेशी पैरहन की आजमाइश है |
मदारी जिंदगी ‘काली’ नचाई है बहुत त्रय हद
जवानी प्रौढ़ बीते, चौथपन की आजमाइश है |
शब्दार्थ :- चमनआरा=माली
अभिपतन=पूर्ण पतन, पैरहन=वस्त्र
त्रय हद= तीन भाग [बाल्य काल. यौवन काल
प्रौढ़ काल ] चौथपन= चौथा काल, बुढापा
कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !