कविता

पहेली (कविता)

तेरी पहेली सुलझाऊँ कैसे
ए जिंदगी तुझे रिझाऊँ कैसे
वक्त ने तन्हाई दी हमें
अब खिलौनों से खेलकर
जिंदगी तुझे मनाउँ कैसे?

कभी बच्चों से घर आँगन
गुलजार हुआ करता था।
अब अकेले पन में मन को
बहलाऊँ कैसे ?

सितम सहने की आदत
वर्षों पहले लग गई
अब बेबात मुस्कूराऊँ कैसे?

ईश्वर प्रदत्त खुशियाँ मिली अपार
फिर भी मन भटकता है।
चाहतें क्या है तेरी
काश कानों में तुम कह पाती
फिर से बोझिल तन मन में
उत्साह जगाऊँ कैसे?

आरती राय.दरभंगा.बिहार.

*आरती राय

शैक्षणिक योग्यता--गृहणी जन्मतिथि - 11दिसंबर लेखन की विधाएँ - लघुकथा, कहानियाँ ,कवितायें प्रकाशित पुस्तकें - लघुत्तम महत्तम...लघुकथा संकलन . प्रकाशित दर्पण कथा संग्रह पुरस्कार/सम्मान - आकाशवाणी दरभंगा से कहानी का प्रसारण डाक का सम्पूर्ण पता - आरती राय कृष्णा पूरी .बरहेता रोड . लहेरियासराय जेल के पास जिला ...दरभंगा बिहार . Mo-9430350863 . ईमेल - arti.roy1112@gmail.com