राजनीति

मुस्लिम तुष्टीकरण की पैरोकारी कर रहा महागठबंधन

उत्तर प्रदेष की राजनीति में सपा ,बसपा और रालोद का गठबंधन जमीनी धरातल पर उतर चुका है। यह गठबंधन कितने दिनों तक अनवरत चलता रहेगा और इसका लाभ किन लोगों को मिलेगा यह तो आने वाला समय बतायेगा लेकिन इन दलों के बीच जिस विषय को लेकर जबर्दस्त एकता है वह है मुस्लिम तुष्टीकरण। तीनों ही दल मुस्लिम वोटबैंक पर आश्रित हैं तथा मुस्लिम मतों का विभाजन न हो पाये इसलिये यह गठबंधन किया गया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन बन जाने के बाद मुस्लिम समाज को धर्म के आधार पर आरक्षण देने की पुरजोर मांग कर चुकी हैं तथा अन्य दोनों दल भी उनकी इस बात का समर्थन कर रहे हंैं तथा करते आ रहे हैं। अभी जब संसद में गरीब सवर्णो को 10 फीसदी आरक्षण पर बहस चल रही थी तब बहस के दौरान इन सभी दलों की बेबसी साफ दिखलायी पड़़ रही थी कि यह सभी दल बहुत दबाव में आकर सरकार का समर्थन करने को मजबूर हुये हैं। यह सभी दल केवल और केवल मुस्लिम वोटबैंक पर आश्रित रहते है। हिंदू जनमानस के लिये दोनों ही दलों का पूर्व का षासन बहुत ही तकलीफों भरा रहा है। समाजवादी सरकार में मुजफ्फरनगर का दंगा कोई भी हिंदू आज तक नहीं भूला है तथा सपा के षासनकाल में रोज छोटी -छोटी बातांे पर दंगे होते ही रहते थे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में हिंदुआंे का सर्वाजनिक रूप से कोई तीज त्यौहार मनाना बहुत कठिन सा हो गया था।
याद करिये जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनावों के दौरान मुस्लिम मतदाताओं को एक बड़ा संदेष देने के लिये एक पुस्तिका बंटवायी थी और उसमें बसपा की ओर से अयोध्या में बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिये अपना समर्थन दे रहीं थी। यह सभी दल अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के पुरजोर विरोधी हेैं तथा किसी भी हालत में मंदिर निर्माण नहीं होने देंगे तथा उसमें व्यवधान खड़ा करेंगे। 2014 के लोकसभा चुनावों में प्रदेष से एक भी मुस्लिम सांसद लोकसभा में नहीं पहंुच पाया था जिसका दर्द इन सभी दलों को आज भी है। यही कारण था कि कैराना संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव में इन सभी दलों ने कैराना संसदीय क्षेत्र से रालोद की महिला मुस्लिम प्रत्याषी को चुनाव मैदान में उतारकर मुस्लिम समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का इजहार कर चुके हंै।
आज टी वी चैनलों की बहस में भी इन दलों का हिंदू विरोधी जहर ही जगजाहिर हो रहा है। प्रदेष की योगी सरकार के हर कदमों की पूरी तरह से झूठ पर आधारित आलोचना की जा रही है । प्रदेष में पहली बार षिव भक्त कांवड़ियों का रेला षांतिपूर्वक पूरे प्रदेष से होकर गुजरा तथा पहली बार कांवड़ियों पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की गयी जिसका इन सभी दलों ने मजाक बनाया था और कई जगह कंावड़ियों के साथ मारपीट कर व उन पर हमले आदि करवाकर प्रदेष का साम्प्रदायिक वातवारण समाप्त करने की साजिष इन सभी दलों की ओर से रची जा रही थी लेकिन प्रषासनिक चुस्ती के कारण कोई घटना नहीं घट सकी जिसके बाद यह सभी दल पूरी तरह से बेनकाब हो चुके थे।
अभी प्रयागराज में हिंदू सनातन संस्कृति का प्रतीक दिव्य व भव्य कुंभ का महा आयोजन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। देष- विदेष से लाखों -करोड़ों श्रद्धालु पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। वहां पर उपस्थित सभी साधु- संत व उपस्थित जनसमुदाय वहां से वापस आकर मोदी व योगी सरकार की ओर से की गयी व्यवस्थाओं के चलते तारीफों के पुल बांध रहा है। लेकिन इन दलोें को यह भव्य आयोजन भी नहीं रास आ रहा है। समाजवादी नेता अखिलेष यादव कुंभ के प्रति बेहद असंवेंदनषील हैं तथा काफी आपत्तिजनक टिप्प्पणियां लगातार कर रहे हैं । समाजवादी नेता वर्ष 2013 में आयोजित मेले की अव्यवस्था और रेलवे स्टेषन में मची भगदड़ तक की घटना को पूरी तरह से भूल चुके हैं। समाजवादी नेता का कहना है कि अर्द्धकुंभ का नाम बदलकर कुंभ कर देना सरकार व भाजपा का नया जुमला है । फिर उसके बाद उन्होंने कहा कि प्रदेष सरकार सभी को मोक्ष प्रदान करने के लिये सरकारी आमंत्रण भेज रही है तथा परोक्ष रूप से वह आरोप लगा रहे थे कि प्रदेष सरकार हिंदू जनमानस व करोड़ों भक्तो को जीवित अवस्था में ही मोक्ष प्रदान करना चाह रही है। उनकी इस बात के कई बहुत ही गंदे अर्थ निकल रहे हंै। वह अपनी डिजाइनर बातों में यह संदेष देना चाह रहे थे कि बीजेपी के षासनकाल में जो लोग कुंभ का स्नान करेंगे उनको अंतिम मोक्ष यही प्राप्त हो जायेगा।
समाजवादी नेता अखिलेष यादव को अपना कुंभ भूल गया है जब केवल घुटनांे के नीचे तक ही पानी दिया गया था तथा गंदगी का अपार भंडार था और षौचालयांे की भी व्यवस्था नहीं थी। आज समाजवादियों को कुंभ स्नान पर्व के अवसर पर हेलीकाप्टर से की जा रही पुष्पवर्षा भी रास नहीं आ रही है। आज तथाकथित टी. वी .चैनलों में कुंभ पर हो रही बहस में सरकार व प्रषासन की व्यवस्था को नकारात्मक दृष्टिकोण से पेष करके कुंभ व सनातन संस्कृति का बहुत ही विकृत तरीके से सेकुलर दलों की ओर से नुकसान किया जा रहा है। बहसों के दौरान विरोधी दलों के नेता कुंभ मंे घोटालों का आरोप बिना किसी सबूतों के लगा रहे हंै। इन दलोें के नेताओ का कहना है कि कुभ को दिव्य बनाने के लिये तथा सभी को आमंत्रण भेजने के लिये सरकार ने जितना पैसा खर्च कर डाला है उतने धन में सरकार बेरोजगारी सहित तमाम समस्याओं को दूर कर सकती थी। विरोधी दलोें की यह सोच विकृत मानसिकता पर आधारित है तथा उनकी हिंदुओं के प्रति व सनातन धर्म के प्रति नकारात्मक सोच को ही प्रकट करती हैं । यह वही समाजवादी लोग हैं जिनके ष्षासनकाल में जब मुजफ्फरनगर जल रहा था जतब सैफई में फिल्मी कलाकारों का भव्य डंास समारोह हो रहा था। यह वहीं लोग हैं जिनके षासनकाल में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर करोड़ों रूपये खर्च कर दिये जाते हैं तथा उनके जन्म दिन के नाम पर पूरा प्रषासन उन्हीं के दरवाजे पर नतमस्तक हो गया थ तथा प्रदेष का सारा कामकाज ठप हो जाता था। अगर समाजवादी लोग अपने नेता का जन्म दिन बहुत ही सरल तरीके से मनाते तो उससे भी बेरोजगारी दूर हो जाती। आज सरकार जाने के बाद भी सपा मुखिया अखिलेष यादव अपना जन्म दिन मनाने के लिये विदेषश्चले जाते हैं। सपा मुखिया के विेदेष जाने पर भी तो काफी धन खर्च होता है। समाजवादी सरकार में तो मस्जिदों की रंगाई -पुताइ्र्र के लिये धन आवंटित किया जाता था, उस धन से पता नहीं कितने स्कूलों की रंगाई- पुताई हो सकती थी। यह सभी दल घोटालोें में फंसे हैं तथा मुस्लिम परस्त हैं। इन सभी दलोें को सनानत संस्कृति के लिये किये जाने वाले काम पसंद नहीं आयेंगे इसलिये कहा जा रहा है कि हिंदु जनमानस के लिये यह गठबंधन महाठगबंधन है तथा हिंदू समाज को बहुरूपियांे से सतर्क हो जाना चाहिये।
— मृत्युंजय दीक्षित