कविता

हमारी जिंदगी

कभी-कभी सोचती हूं कैसी हो हमारी जिंदगी?
जो वक्त के साथ गुजर जाए या फिर,
जिसका लम्हा लम्हा जी लिया जाए।
मुश्किल हालातों में यह ठहर सी जाती है,
खुशनुमा लम्हों में पल में गुजर जाती है।

वक्त अच्छा हो या बुरा कहां ठहरता है?
जाने क्यों फिर भी इन दोनों से डर लगता है।
बुरा वक्त कहीं थम न जाए,
अच्छा वक्त कहीं निकल न जाए।
हर वक्त बस डर यही सताता है,
इस कशमकश में इंसान जिंदगी कहां जी पाता है?

जिंदगी है तो क्यों न इसे जी भर जी लें?
छोड़कर कल की चिंता आज मैं ही जी लें।
वक़्त की मार से भला कौन बच पाया है?
जो कुछ भी है वह आज में ही समाया है।
कल आज और कल के इशारे को समझें,
चलो बस आज से केवल आज मैं ही जी लें।

— कल्पना सिंह

*कल्पना सिंह

Address: 16/1498,'chandranarayanam' Behind Pawar Gas Godown, Adarsh Nagar, Bara ,Rewa (M.P.) Pin number: 486001 Mobile number: 9893956115 E mail address: kalpanasidhi2017@gmail.com