मुक्तक/दोहा

मुक्तक

(1) दिल में देने को विश्वास आओ जो तुम,
मेरे जैसे अनायास आओ जो तुम,
याचना,कामना,जागना,साधना,
पूर्ण हो जायेगी पास आओ जो तुम।

(2) साँस से दूर दिल में उतर जायेगी,
हाथ में हाथ देकर गुजर जायेगी,
उम्र भर दोस्ती आईने से करो,
जिन्दगी आईने से सँवर जायेगी।

(3) पहले जैसा मौसम अब फिर नही आता है,
आ जाऊं शहर तेरे पर शहर नही भाता है,
जब भी आऊं मैं अपनी ही धुन पर अब,
तेरी याद तो आती है पर तू नही आता है।

(4) नफरतों को मिटाया है तेरे लिए,
खुद में ही मुस्कुराया है तेरे लिए,
याद करती तू मुझको रहे इसलिए,
मैने खुद को भुलाया है तेरे लिए।

(5) दूरियों को मिटाया है तेरे लिए,
और रिश्ता निभाया है तेरे लिए,
मेरी नजरों से इक बार तू देख ले,
भार कितना उठाया है तेरे लिए।

पीयूष चन्द्र मिश्र

DOB-02/02/1999 पढ़ाई जारी M.Sc.(ag)ANDUAT KUMARGANJ AYODHYA गांव - बसौंहा, पोस्ट - मोतीगंज,जिला - सुल्तानपुर मोबाइल नंबर - 9005087128