गीत/नवगीत

कैसे गाऊँ गीत प्रेम का

कैसे गाऊँ गीत प्रेम के
पिय का प्रीत कलश रीता |
हृदय पटल पर हे प्रिय हमने ,
अंकित तेरा नाम किया |
सेंदुर माँग सजाया हमने ,
काजल बिंदिया सजा लिया |
श्वेत पत्र सा हृदय तुम्हारा ,
पर रंगों से नहीं रंगा |
कैसे गाऊँ – – – – – –

जीवन को शर्तों पर जीना ,
कैसे रास तुम्हे आया ,
अहंकार में जीवन जीना ,हे प्रियवर कैसे सीखा |
प्रेम भरे जीवन परिमल को –
तार तार कर बिखराया |
कैसे गाऊँ- – – – – – – –
आशाओं के दीप जलाए ,
निष्ठा और समर्पण से |
स्वप्नों की आहुतियाँ डाली,
प्रीत रीत की अग्नि में |
मकड़ जाल दुर्व्यवहारों का,
तमस मिला उपहारों में |
कैसे गाऊँ- – – – – – – – –

— मंजूषा श्रीवास्तव ‘मृदुल’

*मंजूषा श्रीवास्तव

शिक्षा : एम. ए (हिन्दी) बी .एड पति : श्री लवलेश कुमार श्रीवास्तव साहित्यिक उपलब्धि : उड़ान (साझा संग्रह), संदल सुगंध (साझा काव्य संग्रह ), गज़ल गंगा (साझा संग्रह ) रेवान्त (त्रैमासिक पत्रिका) नवभारत टाइम्स , स्वतंत्र भारत , नवजीवन इत्यादि समाचार पत्रों में रचनाओं प्रकाशित पता : 12/75 इंदिरा नगर , लखनऊ (यू. पी ) पिन कोड - 226016