कविता

तिरंगा

तीन रंग मे रंगा हुआ है, मेरे देश का झन्डा,
केसरिया, सफ़ेद और हरा, मिलकर बना तिरंगा|
इस झंडे की अजब गजब, तुम्हे सुनाऊँ कहानी,
केसरिया की शान है जग मे, युगों-युगों पुरानी|
संस्कृति का दुनिया मे, जब से है आगाज़ हुआ,
केसरिया तब से ही है, विश्व विजयी बना रहा|
शान्ति का मार्ग बुद्ध ने, सारे जग को दिखलाया,
धवल विचारों का प्रतीक, सफ़ेद रंग कहलाया|
महावीर ने सत्य, अहिंसा, धर्म का मार्ग बताया,
शांत रहे सम्पूर्ण विश्व, सफ़ेद धवज फहराया|
खेती से भारत ने सबको, उन्नति का मार्ग बताया,
हरित क्रांति जग मे फैली, हरा रंग है आया|
वसुधैव कुटुंब मे कोई, कहीं रहे न भूखा,
मानवता जन-जन मे व्यापे, नहीं बाढ़ नहीं सुखा|
अशोक महान हुआ दुनिया मे, धर्म सन्देश सुनाया ,
सावधान चौबीसों घंटे, चक्र का महत्व बताया|
नीले रंग का बना चक्र, हमको संदेशा देता,
नील गगन से बनो विशाल, सदा प्रेरणा भरता|
तिरंगा है शान हमारी, आंच न इस पर आये,
अध्यात्म भारत की देन, विजय धवज फहराए|
— डॉ.अ. कीर्तिवर्धन