लघुकथा

वह भूखी होगी

“अरे आज लंच ब्रेक में छुट्टी लेकर घर जा रहे हो”
” हाँ यार ..आज टिफ़िन लाना भूल गया”
“तो आ न …आज मेरे साथ खाना खालो ..मैनै तेरी पसंद के रैस्टोरेंट से ही मंगाया है …आ जा ” रमेश खाना प्लेट मे सर्व करते हुए बोला ।
” नही यार ….वो क्या है न कि आजकल तेरी भाभी से गृहयुद्ध चल रहा है ….ऐसे में उसे लगेगा कि मैनै कुछ नही खाया …..और जब तक मैं न खा लूं वह भी भूखी रहती है ”
हाथ का निवाला हाथ में ही रह गया रमेश के …..आज अपनी पत्नी से लडकर टिफ़िन भी नही लाया था, यह कहकर कि बाहर खा लूँगा ।
“चल मैं भी छुट्टी लेकर जाता हूँ ” रमेश बोला
“अरे तुम क्यों ”
” क्योकि आज मैं भी टिफ़िन नही लाया ”
“ओहहह ” कहकर दोनो हंस दिये ।।
— रजनी चतुर्वेदी (विलगैयां)

रजनी बिलगैयाँ

शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट कामर्स, गृहणी पति व्यवसायी है, तीन बेटियां एक बेटा, निवास : बीना, जिला सागर