कविता

एक जीवन ऐसा भी होता है

जब
प्यार और विश्वास मिल जाते हैं
एक जगह
तब भी
एक झीनी सी रेखा रहती है
दोनों के बीच
जैसे एक जगह पर
समुद्र का
नीला और हरा पानी
मिल कर भी रहता है अलग
उसी तरह
हम
साथ रह कर भी साथ नहीं हैं
और
अलग रह कर भी अलग नही
मन की
इस सीमा रेखा के आर पार
हम तुम
जी रहे हैं
अपनी अपनी ज़िंदगी
और
जीते रहेंगे
इसी तरह
एक जीवन ऐसा भी होता है
कितने लोग
जान पाते हैं यह
और
कितने लोग
जी पाते हैं ऐसा जीवन
— नमिता राकेश