कविता

अये फूल तेरी किस्मत में

अये फूल तेरी किस्मत में,

कांटो के साथ है रहना।
कभी देवों के सर चढ जाना,
कभी मुर्दों संग लिपटना।
अये फूल तेरी किस्मत में,
कांटो के साथ है रहना।
पहले खुशियों के मेले मिलते,
फिर मिलती है तन्हाई।
तू बन जाता बरमाल वहां,
जहाँ बजती है शहनाई।
पहले सेहरे पे सवरना,
फिर सेझ पे तेरा कुचलना।
अये फूल तेरी किस्मत में,
कांटो के साथ है रहना।
रंग और खुशियां बिखेरने वाले,
तेरे हाथ नही कुछ लगना।
कभी बहारो संग खिलना,
कभी पतझड़ साथ बिखरना।
अये फूल तेरी किस्मत में,
कांटो के साथ है रहना।
— आरती त्रिपाठी

आरती त्रिपाठी

जिला सीधी मध्यप्रदेश