पद्य साहित्य

जलाओ एक दिया


न झुकें हैं, न झुकेंगे, न झुकने देंगें कभी,
अपने प्यारे भारतवर्ष को,
देश के उन वीरों को मेरा नमन,
जिनके हौंसलों तले हम,
आज बैठे अपने घरों में सुरक्षित,
जिनके उत्साहवरर्धन के लिए,
कर रहे आज हम वंदना,
देशवासियों की महाशक्ति को,
है आज जाग्रत करना,
उठो धरा के सपूतों,
जलाओ एक दिया,
अपने गौरवशाली भारतवर्ष के लिए,
दिखा दो दुनिया को सब आज मिल,
हम अकेले नहीं बल्कि सब एक हैं।

जय हिन्द जय भारत

मौलिक
नूतन गर्ग (दिल्ली)

*नूतन गर्ग

दिल्ली निवासी एक मध्यम वर्गीय परिवार से। शिक्षा एम ०ए ,बी०एड०: प्रथम श्रेणी में, लेखन का शौक