बाल कविता

बाल कविता : मैं तो छोटा सा बच्चा हूँ जी

मैं तो छोटा सा बच्चा हूँ जी।
दिल का एकदम सच्चा हूँ जी।।
लगता हूँ सबको अच्छा जी।
करते है सब मुझको प्यार।।
माँ दादी का मैं लाड़ला प्यारा।
हूँ में घर में सबका दुलारा।।
कहते है सब शैतानी करना मेरा काम।
करता हूँ मैं नित नये शरारत भरे काम।।
जैसा भी हूँ लेकिन लगता हूँ।
मैं सब अपनों को अच्छा जी।।
मैं तो छोटा सा बच्चा हूँ जी।
दिल का एकदम सच्चा हूँ जी।।
✍️ विनायक त्यागी

विनायक त्यागी

कक्षा- 5, डीपीएस, इंदिरापुरम, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश