लघुकथा

लघुकथा – सच्चा झूठ

                       आत्माराम अपने बेटे आलोक और पत्नी शांति के साथ लड़किवालों के घर पहुंचे। सभी ने लड़की देखी। बारी – बारी उससे कुछ सवाल पूछकर संतुष्ट हुए। लड़की की मां ने अपनी बेटी खुशबू का गुणगान गाते हुए कहा, “ मेरी बेटी दसवीं पास है। सिलाई – कढ़ाई सीख रही है। खाना बनाने का बहुत शौक है ………………। “ आत्माराम ने उनकी बात काटते हुए कहा, “ बस , हमें बहू के रूप में ऐसी ही सर्वगुण संपन्न लड़की की तलाश थी। हमें ये रिश्ता मंजूर है। दहेज – वहेज की बिलकुल चिंता न करें। बस, शादी की तैयारियाँ शुरू कर दें। “ यह सुनकर लड़किवालों की ख़ुशी की सीमा न रही। उन्होंने सभी का मुंह मीठा करवाया। शांति को आत्माराम का उतावलापन दिखलाना अच्छा नहीं लगा। मजबूरन, मुस्कुराते हुए खुशबू को गले से लगाया।
               शादी के कुछ महिनों बाद, शांति का अपनी समधिन से एक कार्यक्रम के दौरान सामना हुआ। एक दूसरे का हाल – चाल पूछा। शांति ने अपने दिल में दबी भड़ास निकालते हुए समधिन से गुस्से में आकर कहा, “ आपकी बेटी को अंग्रेजी छोड़िए, हिंदी तक ठीक ढ़ंग से नहीं आती। सिलाई –  कढ़ाई के नाम पर सुई में धागा पिरोना आता है। भोजन के नाम पर सिर्फ़ दाल, चावल बनाना सिखाया है। रोटियाँ तक गोल बेलनी नहीं आती थी, मुझे सिखाना पड़ा …………. इतना बड़ा धोखा क्यों दिया ? “
             खुशबू की मां ने विचलित हुए बिना, समधिन को समझाते हुए कहा, “ देखिए बहन जी, रिश्ता जोड़ने से पहले, वर – वधू दोनों पक्ष वाले अपने बच्चों के बारे में थोड़ा बढ़ा – चढ़ाकर बोलते ही हैं। “ शांति समधिन के प्रत्युत्तर से सकते में आ गई। ऐसे लगा जैसे किसी ने गरम तवे को तुरंत ठंडा करने के लिए, उस पर ठंडे पानी के छींटें मार दिए हों।
-– अशोक वाधवाणी 

अशोक वाधवाणी

पेशे से कारोबारी। शौकिया लेखन। लेखन की शुरूआत दैनिक ' नवभारत ‘ , मुंबई ( २००७ ) से। एक आलेख और कई लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ नवभारत टाइम्स ‘, मुंबई में दो व्यंग्य प्रकाशित। त्रैमासिक पत्रिका ‘ कथाबिंब ‘, मुंबई में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ आज का आनंद ‘ , पुणे ( महाराष्ट्र ) और ‘ गर्दभराग ‘ ( उज्जैन, म. प्र. ) में कई व्यंग, तुकबंदी, पैरोड़ी प्रकाशित। दैनिक ‘ नवज्योति ‘ ( जयपुर, राजस्थान ) में दो लघुकथाएं प्रकाशित। दैनिक ‘ भास्कर ‘ के ‘ अहा! ज़िंदगी ‘ परिशिष्ट में संस्मरण और ‘ मधुरिमा ‘ में एक लघुकथा प्रकाशित। मासिक ‘ शुभ तारिका ‘, अम्बाला छावनी ( हरियाणा ) में व्यंग कहानी प्रकाशित। कोल्हापुर, महाराष्ट्र से प्रकाशित ‘ लोकमत समाचार ‘ में २००९ से २०१४ तक विभिन्न विधाओं में नियमित लेखन। मासिक ‘ सत्य की मशाल ‘, ( भोपाल, म. प्र. ) में चार लघुकथाएं प्रकाशित। जोधपुर, जयपुर, रायपुर, जबलपुर, नागपुर, दिल्ली शहरों से सिंधी समुदाय द्वारा प्रकाशित हिंदी पत्र – पत्रिकाओं में सतत लेखन। पता- ओम इमिटेशन ज्युलरी, सुरभि बार के सामने, निकट सिटी बस स्टैंड, पो : गांधी नगर – ४१६११९, जि : कोल्हापुर, महाराष्ट्र, मो : ९४२१२१६२८८, ईमेल ashok.wadhwani57@gmail.com