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जनहित में 6 माह के लिए बिजली बिल माफ होनी चाहिए

लॉकडाउन के कारण आमजनों के काम-धंधे बंद है, इसलिए प्राय: बिहारवासियों के पास जो वेतनभोगी नहीं हैं, वे आर्थिक कड़की से जूझ रहे हैं । इसलिए 6 महीनों के लिए बिजली बिल माफ होने चाहिए, इस पर बिहार सरकार को निश्चितश: ध्यान देना चाहिए । बिजली बिल माफ होने से आमजनों को राहत मिलेगी और एतदर्थ सरकार के द्वारा किया यह जनहित कार्य सराहनीय रहेगा । सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि COVID-19 से उपजी आर्थिक समस्याओं के कारण  बिहारवासियों के 3 माह का बिजली बिल माफ कर दिया जाय !

ध्यातव्य है, प्रभात खबर के अनुसार भागलपुर में बिजली बिल का काउंटर खोल दिया गया है । यह तकरीबन 53 दिनों से बंद था। कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लॉकडाउन के कारण बिजली काउंटर को बंद कर दिया गया था । पहले दिन को शहरी क्षेत्र के बिजली काउंटरों पर ढाई सौ उपभोक्ताओं से करीब बारह लाख रुपये का बिल कलेक्शन हुआ है । बिजली बिल काउंटर पर भुगतान के लिए पहुंचने वाले उपभोक्ताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया । तो वहीं बैरिकेडिंग की वजह से भीड़ नियंत्रण में रही । सभी उपभोक्ताओं को पंक्ति में बनाये गये घेरा में रहकर अपनी बारी की प्रतिक्षा करनी पड़ी । बिजली बिल काउंटर खुलने से उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है । लोगों को जैसे ही जानकारी मिली की बिजली बिल काउंटर खुलेगा । लोग समय से पूर्व ही बिल जमा करने पहुंचने लगे । इससे लोगों की भीड़ बढ़ गयी लेकिन, विभाग के द्वारा लगायी गयी लाइन के कारण किसी को भी दिक्कतें नहीं हुई । बिजली कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार, आगे भी काउंटर खुलता रहेगा और उपभोक्ताओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए बिल लिया जायेगा । लॉकडाउन में बिल काउंटर बंद रहने से विभाग को सोलह करोड़ का कलेक्शन प्रभावित हुआ है। आजतक ने बताया है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने बकाया बिजली बिल वसूलने का अनोखा तरीका अपनाया है । गांव-गांव लाउडस्पीकर पर गाने बजाकर लोगों से बिल जमा करने की अपील की जा रही है । गाने के बीच जीप पर बैठा अनाउंसर शे’रो-शायरी के अंदाज में लोगों से बिल भरने की अपील कर रहा था । जीन्यूज ने जयपुर क्षेत्र के हवाले समाचार प्रसारित की है कि 3 मई को ग्रामीण क्षेत्र में आँधी-तूफान ने जबरदस्त तबाही मचाई, जिसमें जिले के कोटपूतली, पावटा, बानसूर, विराटनगर इत्यादि तहसीलों में भयंकर तूफान आया था । इस तूफान में टीन की छत-छप्पर, कच्चे मकान, पेड़-पौधे, टावर इत्यादि को काफी नुकसान हुआ । सबसे बड़ा नुकसान बिजली विभाग को हुआ, जिसमें सात सौ से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए थे. सैकड़ों ट्रासफार्मर भी नीचे गिर गए थे, लेकिन हैरानी की बात ये है कि 9 दिन बाद भी पूरे इलाके में बिजली व्यवस्था ठीक से सुचारू नहीं हो पाई है। हालात यह हैं कि बिजली विभाग को फोन कर करके थक चुके लोग खुद ही तारों को खींचने में जुट गए हैं । संकट के इस समय में कुछ बिजली कर्मचारियों का व्यवहार भी समझ से परे है । उपभोक्ताओं का आरोप है कि लाइनमैन भी या तो फोन नहीं उठाएंगे या फिर उपभोक्ताओं को ही धमकी देते नजर आएंगे ! वही गोनेड़ा, पनियाला, कालूहेड़ा कई गांव ऐसे हैं जहां टूटे तारों को सही नहीं किया गया नतीजा ये है कि इनमें करंट फैलने से कई पशुओं की मौत हो चुकी है। दैनिक भास्कर के अनुसार, लॉकडाउन के दौरान हरियाणा सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को छूट दी है। हरियाणा के बिजली मंत्री ने सोमवार को बताया कि लॉकडाउन जब से शुरू हुआ, तब से अब तक डोमेस्टिक बिजली कनेक्शन का बिल स्थगित कर दिया गया है और अगर कोई भरना चाहे तो भर सकता है। इसमें सिर्फ बेसिक अमाउंट ही देना पड़ेगा, कोई सरचार्ज नहीं लगेगा। सिरसा में बयान देते हुए बिजली मंत्री ने कहा कि उन्होंने औद्योगिक इकाइयों के लिए दिए जाने वाले इंडस्ट्री कनेक्शन में भी छूट दी है। उन्हें आसान किस्तों में बिल भरने की सुविधा दी गई है। औद्योगिक इकाइयां 6 आसान किस्तों में बिल भर सकते हैं। इसके साथ-साथ अलग-अलग इलाकों में उनके बेसिक बिल पर भी कुछ प्रतिशत की छूट दी गई है।

लॉकडाउन में लोगों के रोजगार छूटे, नौकरी-चाकरी करनेवालों के भी वेतन नियमित नहीं हो सकी है । लोगों ने खाने-पीने और रहन-सहन के स्तर में कटौती कर दिए हैं । एक तो कोरोना आपदा से लोग प्रभावित तो है ही, वहीं आँधी-तूफान आपदा से लोगों को भारी क्षति हुई है। ऐसे में हरियाणा सरकार की पहल स्वागतयोग्य है। ऐसे में देश के सभी राज्य सरकारें सभी बिजली उपभोक्ताओं को प्राप्त बिजली बिल कम से कम 6 माह के लिए माफ करेंगे, तो यह देशहित सहित जनहित के लिए आवश्यक कदम होगी!

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.