कहानी

सरला की फेसबुक आईडी

सरला की फेसबुक आईडी (कहानी)

डिनर के बाद सरला प्रतिदिन की तरह ही गर्म पानी से बर्तन साफ करने के बाद सिंक को साफ कर रही थी, तभी चार्ज पर लगे पति के मोबाइल की घण्टी बजी। सरला हाथ धोकर साड़ी के पल्लू से हाथ पौंछते हुए बैड रूम में गयी, तब तक घण्टी बन्द हो चुकी थी। टीवी पर समाचार चैनल लगा हुआ था। सरला का पति सोमेश आजकल ऑफिस के काम से इतना थक जाता था कि खाना खाकर टीवी देखते-देखते सो गया। सरला फिर रसोई में चली गयी। सरला के दो बेटे थे। बड़े लड़के राहुल ने कानपुर से इंजीनियरिंग की थी । जॉब नहीं मिलने की कारण कई दिनों से परेशान था, तो वह भी घर बैठा है। छोटा बेटा वैभव कॉमर्स विषय से बारहवीं क्लास में पढ़ रहा है। दोनों बेटों के बीच एक बेटी है, नाम है ग्लोरी..
जो बीसीए कर रही है। सोमेश दो भाई थे। पिता ने अपने जीवन काल में ही दोनों भाइयों के लिए अलग-अलग मकान बनवा दिये थे।
सोमेश का छोटा भाई रोमेश बिल्डिंग मटेरियल की दुकान करता है। दोनों का घर लखनऊ में हैं। सोमेश बीमा कम्पनी में मैनजर है।
सरला रसोई का काम खत्म करके लेटकर टीवी पर सीरियल देखने लगी। दोनों बेटे दूसरे रूम में थे। बेटी अलग रूम में। सीरियल अभी खत्म नहीं हुआ कि मोबाइल पर फिर कॉल आई। सरला खड़ी हुई कि मिस कॉल होकर रह गया। सरला ने फोन देखा तो उसमें एक टेक्स्ट मैसेज था। जिसमें लिखा था, कल मैं ऑफिस नहीं आऊँगी। मुझे जरूरी काम से फैजाबाद जाना है। मुझे कुछ पैसों की जरूरत है, तो मेरे पेटीएम में दस हजार रुपये ट्रांसफर कर दो। सरला कुछ समझ पाती कि एक मैसेज फिर आया, प्लीज ऑन व्हाट्सप। सरला ने व्हाट्सप खोलने की कोशिश की तो वह पासवर्ड मांगने लगा। सरला ज्यादा तनाव न लेकर लेट गयी।
सरला ने अपना फोन उठाया औऱ फेसबुक अपडेट देख रही थी कि अपने बड़े बेटे राहुल की पोस्ट देखी, जिसमें उसने बीफ खाने के विरोध में एक पोस्ट डाली। उसके विरोध में सलीम नाम के किसी इंसान ने कमेंट बॉक्स में लिखा कि गाय हिंदुओं की माता है, तो सड़कों पर मारी-मारी क्यों फिर रही है। भूख प्यास से बेहाल… तिलक धारी पंडित, क्षत्रिय सब डंडे मारते हैं, हम रोज देखते हैं.. न सरकार से सम्भल रही औऱ न धर्म के ठेकेदारों से। सरकार की बनाई गौ शालाओं के ग्रांट से लोग दारू पी रहे हैं। इसके विरोध में राहुल की आक्रमक भाषा में कमेंट लिखा था.. खैर मनाओ कि हिंदुस्तान की जमीं पर जी रहे हो। बरना जिस दिन चाहेंगे तुम्हारी नस्लें खत्म करदेंगे। किस मज़हब की बात करता है तू.. , मुताह, तलाक, हलाला, जीव हत्या. क्या यही लिखा है कुरान में…
इस पर सामने बाले ने कमेंट बॉक्स में मां-बहिन की गाली लिख दीं। यह देखकर सरला ने रात ज्यादा होने के कारण राहुल से इस पोस्ट के बारे में सुबह बात करने सोची और सो गयी।
दूसरे दिन सरला इस विषय पर सुबह बात करना चाह रही थी, किन्तु राहुल ने बाथरूम से निकलते हुए कहा.. मम्मा मेरा एक कम्पनी में इंटरव्यू है, तो मेरा नास्ता पैक कर दो , मैं निकल रहा हूँ।
माँ बोली- बेटा अचानक!! तुमने कल तक तो नहीं बताया था इस बारे में.. कहाँ है इंटरव्यू?
राहुल तौलिया से सिर के बाल सुखाते हुए बोला …मम्मा रात को ही मैंने मेल देखा था. मुझे भी तभी ही मालूम हुआ.. इंटरव्यू कानपुर में है.. मम्मा..
ग्लोरी नास्ता बना बना रही थी । सरला, राहुल के लिए सिल्वर पेपर में परांठे लपेट रही थी कि राहुल रसोई में आकर बोला मम्मा मैं कल रात तक आ जाऊँगा..
सोमेश नास्ता करते हुए मोबाइल में कुछ देख रहा था । जल्दी-जल्दी खाकर चला गया। ग्लोरी नास्ता बनाते हुए बार-बार अपना फोन देख रही थी। बीच-बीच में माँ की नजर बचाती हुई कुछ टाइप करती फिर रख देती। माँ ने जानबूझ कर अनदेखा किया। ग्लोरी वाथरूम में नहाने गयी तो मोबाइल साथ ले गयी। माँ ने देख लिया, लेकिन कुछ नहीं कहा।
सरला का दिमाक सोमेश के फोन पर आये कॉल- मैसेज को लेकर अब तनाव के साथ सर्च ऑपरेशन मोड पर आ गया था। पति के चरित्र को लेकर एक स्त्री के सेंसर दुनिया की किसी आधुनिक टेक्नोलॉजी से अधिक सेंसेटिव होते हैं।
सरला का दिमाग चल रहा है.. इससे पहले उसने बच्चों के फोन को लेकर सोचा नहीं लेकिन अब उसकी नज़र बार-बार फोन पर केंद्रित होने लगी ।
सोमेश के फोन पर रात को मिस कॉल… मैसेज से दस हजार रुपये मांगना… फेसबुक पर राहुल की साम्प्रदायिक बहस। ग्लोरी का बाथरूम में मोबाइल..का ले जाना..
सरला ने दोपहर का भोजन बनाकर छोटे बेटे वैभव को बुलाया और कहा बेटा ये लंच बॉक्स लो औऱ पापा को देने ऑफिस चले जाओ।
वैभव हाथ में किताब लेकर बोला मम्मा.. क्या आप भी..
पापा का लंच आप उन्हें सुबह ही दे दिया करो..
हाँ.. हाँ.. ठीक है दो चार दिन बाद दे दिया करूँगी… अभी चला जा..। आजकल के लड़के भी… सरला बड़बड़ाती हुई आचार के डिब्बा का ढक्कन लगाने लगी।
वैभव लंच बॉक्स लेकर चला गया। ऑफिस की दूरी तीन किलोमीटर थी।सरला, खाना खाकर छत पर धूप में बैठी कि वैभव के फोन पर कॉल आया। वह जल्दी में फोन ले जाना भूल गया था। सरला ने बात की तो उसके अकाउंट वाले सर का फोन था, आज शाम को ट्यूशन नहीं पढ़ायेंगे। यह इत्तला देने को फोन किया था।
सरला ने फोन को बगल में रख लिया लेकिन डाटा ऑन होने के कारण नोटिफिकेशन बेल आ रही थी। सरला ने खोलकर देखा उसकी फेसबुक आईडी पर कुछ नोटिफिकेशन थे… देखा उसकी नज़र फेसबुक की दूसरी आईडी पर गयी। जो पासवर्ड फीड होने के कारण लॉगिन हो गयी।
सरला देखते ही मानो उसको बिजली का तेज करेंट लग गया हो, शरीर का ताप मानो तेज बुखार हो। खड़ी हुई तो मानो गिरने वाली हो। पैर लड़खड़ाने लगे।
अब सरला को न बैठे चैन, न खड़े हुए, न लेटे हुए। सरला कुछ और करती सबसे पहले अपना मोबाइल फॉरमेट कर दिया औऱ सोच लिया कि आज वह ग्लोरी का भी फोन चैक करेगी। सरला ने रात को ग्लोरि के पास सोने का निर्णय लिया। सरला ने सोने का बहाना किया । ग्लोरी रजाई ओढे हुई फोन चला रही थी औऱ कुछ इस तरह की आवाज़े भी आ रही थी जिनका अर्थ माँ समझ गयी कि बात क्या है…
अगले दिन सरला वैभव के फोन को लेकर काफ़ी तनाब में थी। शाम को पाँच बजे बैठी चाय पी रही थी कि सरला के फोन पर कॉल आया कि आपका बेटा राहुल हॉस्पिटल में है आप जल्दी आइये। सरला ने हॉस्पिटल में देखा कि राहुल बहुत बुरी तरह जख्मी है, उसके बहुत चोट हैं। सिर में पट्टी बंधी हुई है। डॉक्टर ने इंजेक्शन-दवा देकर कह दिया अब आप घर ले जा सकते हैं। जो अनजान लड़का राहुल को हॉस्पिटल लेकर आया उसने सरला को चुपचाप बताया.. माँ जी दूसरे धर्म के कुछ लड़कों ने इसे पीटा है. घटना स्थल पर जो बच्चे थे, उन्होंने मुझे बताया। मैं उधर से गुजर रहा था, सो यहाँ ले आया। मैंने डॉक्टर को रोड एक्सीडेंट का बोल दिया है। सरला ने उसे धन्यवाद बोला औऱ आगे किसी बात का कोई झंझट न हो, वह बिना कुछ किसी से कहे राहुल को घर ले आयी.
सरला रात को सभी के सोने के बाद तीनों बच्चो के मोबाइल चुपके से उठा लायी औऱ छत पर पानी की टँकी में डाल आयी.. सोमेश के मोबाइल को हाथ में लिया और एक मिनट सोच कर रख दिया.. तुरन्त बाद उसने अपना फोन उठाया… रात को एक बजे घर का दरवाजा खोला औऱ सामने गटर में डाल आयी..
सरला ने बाथरूम जाकर हाथ-पैर धोये.. और पूजा घर में भगवान शिव के सामने हाथ जोड़कर खड़ी हो गयी.. हे भोले नाथ!!! मुझे क्षमा कर दो, मैं नीच हूँ.. मैं पापिन हूँ… मुझे नहीं पता था कि मैं अपनी नीचता के व्यूह में खुद फँस जाऊँगी। क्षमा कर दो प्रभु.. मुझे क्या पता था कि, मैं अपनी फेसबुक फेक आईडी से अपने ही बेटे वैभव के फोन पर …..माफ़ कर दो प्रभु… आज मेरे ही कारण घर के सभी बच्चे औऱ सोमेश गलत रास्ते पर है…

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा
अम्बाह जिला मुरैना (मध्यप्रदेश)

डॉ. शशिवल्लभ शर्मा

विभागाध्यक्ष, हिंदी अम्बाह स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, अम्बाह जिला मुरैना (मध्यप्रदेश) 476111 मोबाइल- 9826335430 ईमेल-dr.svsharma@gmail.com