भाषा-साहित्य

संस्कृत और उनकी दुहिता

‘राष्ट्रीय संस्कृत दिवस’ पर संसारख्यात भाषाविदों को शुभकामनाएं ! श्रावण पूर्णिमा को ‘राष्ट्रीय संस्कृत दिवस’ मनाई जाती है । भारत सरकार ने 1968 में ऐसा निर्णय लिया था और 1969 से यह दिवस निरंतर मनाई जा रही है । इसतरह से दिवस मनाए जाने के प्रसंगश: 1999 में संस्कृत दिवस की 50वीं वर्षगाँठ रही।

संसार की कई भाषाएँ संस्कृत से निःसृत है, एतदर्थ यह भाषाओं की जननी भी है । यह संसार के वैज्ञानिक भाषाओं में एक है । संसार के सभी भाषाओं में से सबसे लंबे शब्दों के ‘गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ अपनी प्राचीन भाषा ‘संस्कृत’ के नाम है ।

खड़ी बोली हिंदी ‘संस्कृत’ की दुहिता है । हिंदी ‘संस्कृत’ की सरलीकृत रूप है, इसे अद्यत: खारिज नहीं की जा सकती ! यहाँ तक की संगम कालीन साहित्य व तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, लेटिन, हिब्रू इत्यादि के हजारों शब्द संस्कृत से प्रेरित हैं ! संस्कृत के प्रति हम भारतीयों के अतिरेक व जन्मजात जुड़े रहने के तत्वश: सभी देशवासियों को शुभकामनाएं !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.