हाइकु/सेदोका

हाइकू

हिन्दी तेरी
दुर्दशा देखता हूँ,
बस रोता हू्ँ।
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भाषण होता
हिंदी विषय पर,
अंग्रेजी बोल।
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कौन सुनेगा
हिन्दी की पीड़ा थोड़ा,
सब चुप हैं।
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दुर्दशा मेरी
देखकर भी मौन सब,
कुछ तो करो
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असहाय सी
हिन्दी बेचारी क्यों?
उपेक्षा पाती।
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©सुधीर श्रीवास्तव

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921