कविता

बाबा साहब भीम हमारे

बाबा साहब भीम हमारे, मां भीमा के लाल रहे।
सूबेदार पिता जी उनके, चौदहवीं संतान रहे।
पिता रामजी राव हुए खुश, अन्न, वस्त्र भी बांट रहे।
विधि मंत्री पहले भारत के, बाबा साहब जी भीम रहे।
बालक भीमराव पढ़ने में, अपनी रुचि दिखलाए थे।
सूबेदार पिता जी उनके, नामांकन करवाए थे।
दर दर दर दर भटक रहे थे, तभी सफलता पाए थे।
प्रतिभाशाली भीमराव जी, सदा प्रथम ही आए थे।
भारत आजाद कराने को, भीमराव संघर्ष किए।
कठिन परिस्थिति में भी पढ़कर, संविधान निर्माण किए।
शोषित पीड़ित, नर नारी को, उनका हक अधिकार दिए।
भारत मेरा आजाद हुआ, भीम राव कानून दिए।
करूं नमन मैं भीम आपको, भारत नव निर्माण किए।
चौदह अप्रैल को जन्म लिए, छः दिसंबर प्रस्थान किए।
भारतवासी ऋणी आपका, नमन आपको करते हैं।
जय भारत, जय भीम प्रेम से, मिलकर बोला करते हैं।
— बुद्धि सागर गौतम

बुद्धि सागर गौतम

जन्म तिथि: 10/01/1988 कार्य: लेखक, कवि, शिक्षक, स्पर्श राजकीय बालिका इंटर कालेज गोरखपुर, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत। ( मौलिक व स्वरचित रचना ) पता: नौसढ़, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, भारत -273016. मो.नं. 9412646123. ई-मेल: budhigautam@gmail.com