सामाजिक

जिंदगी खूबसूरत इनायत है

जिंदगी ईश्वर की दी हुई सबसे खूबसूरत इनायत है. हर हाल में इसे खूबसूरती से जीना चाहिए. जिंदगी है तो दुःख सुख तो लगे रहने वाले ही है ,फिर उनसे क्या घबराना.हर समय सुख ही सुख रहे यह संभव नहीं. समय चक्र है यह. जो नीचे है वह ऊपर आएगा ही .जो ऊपर  है उसे नीचे आना ही है समयानुसार. जैसे भी हो जिंदगी भरपूर जियो. मुझे कांटों से भी प्यार मुझे फूलों से भी प्यार की भावना के साथ.जिंदगी जीने का पश्चाताप न रहे. शायर जौन एलिया का एक शेर है ‘ जी ही लेना चाहिए था,  मरते मरते ख्याल आया मुझे ‘
जरूरत इस बात की है हर अच्छे और बुरे वक़्त में अपना मानसिक संतुलन बनाए रखा जाए. प्रेम का दामन कभी न छोड़ा जाए.सपनों के सौदागर फिल्म में शैलेन्द्र का लिखा और मुकेश की आवाज का गाना है  तुम प्यार से देखो हम प्यार से देखे जीवन के अंधेरे में बिखर जाएगा उजाला .
मुझे बताया गया कि मेरे पिता 1947 में देश के बंटवारे में एक बक्सा और अपने तीन छोटे बच्चों का हाथ पकड़ कर किस तरह बचते बचाते है दिल्ली आए. सब कुछ था पर जिंदगी ने क्या  रूप ले लिया . घर छूटा वार छूटा भटकन मिली जिंदगी को. अपनी जमीं से सैकड़ों मील दूर आकर बसे जहां कोई अपना न था सब वीराने.
लेकिन जिंदगी फिर ढर्रे पर अाई. फिर सब्जबाग हुए.
यह तो ज़िन्दगी की धूप छाँव थी.
जिंदगी आनंद से जी जाए. इस आंनद के लिए हम कल हो न हो और आखिर में मलाल हो ईश्वर की दी इनायत का हमनें सम्मान नहीं किया .

हर घड़ी बदल रही है रूप ज़िंदगी
छाँव है कभी, कभी है धूप ज़िंदगी
हर पल यहाँ जी भर जियो
जो है समाँ कल हो न हो
चाहे जो तुम्हें पूरे दिल से
मिलता है वो मुश्किल से
ऐसा जो कोई कहीं है
बस वो ही सबसे हसीं है
उस हाथ को तुम थाम लो
वो मेहरबाँ कल हो न हो
हर पल यहाँ…
पलकों के ले के साये
पास कोई जो आये
लाख सम्भालो पागल दिल को
दिल धड़के ही जाये
पर सोच लो इस पल है जो
वो दास्ताँ कल हो न हो
हर घड़ी बदल रही है…

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020