इतिहास

पथ प्रदर्शक

गाँधीजी हिन्दू समाज में जात-पाँत व ऊँच-नीच से इतना घबरा गए थे
कि उन्होंने एक लेख लिखा, जिसका शीर्षक था- ‘जाति-प्रथा को मिटाना है’।
[साभार : पृष्ठ- 46, एक था मोहन, जन शिक्षा निदेशालय, बिहार सरकार]

‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है’…. पर आज आपके जैसा वस्त्र ही कोई पहन ले, तो उसे लोग ‘आवारा’ या ‘नौटंकीबाज़’ कहेंगे ! क्यों ? है न !

इतनी तो प्रसन्नता अवश्य है कि एक ‘बैकवर्ड’ व्यक्ति भारत के ‘राष्ट्रपिता’ और ‘विश्ववंद्य’ है !
राष्ट्रपिता को मेरा प्रणाम, परंतु एक Copyright शोध व आत्मकथा-संवत के अनुसार महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर 1869 सही नहीं है !

किसी ने नहीं कहा- इसबार के पर्वोत्सव में ‘खादी’ पहनेंगे ! महात्मा गाँधी की जय।

नेताजी सुभाष की भाँति भारतरत्न लालबहादुर की मृत्यु भी संदिग्ध है, जाँच पर रहस्यमय पर्दा अबतक पड़ा है !

‘जय जवान, जय किसान’ में ‘जवान’ को रक्षित पोशाक और अत्याधुनिक शस्त्रास्त्र नहीं मिले हैं, तो बाढ़ के कारण ‘किसान’ त्रस्त हैं !

वैसे आपद्वय अमर हैं सदा, तथापि दैहिक रूप से अगर जीवित रहते, तो आज सरकारी परम्परानुसार आपकी उम्र 148 और 113 वर्ष होते !

असत्यक, भ्रष्टक, हिंसक, फरेबी जैसे बेटे –  बेटियों के लिए अनशन करते – करते थक जाते, किन्तु समस्या जस की तस लगी और बनी रहती और आप पल – पल परेशान हो उठते !

… तो कहिये, क्या दूँ मैं… आपद्वय को ? सिर्फ मैं अपनी हताशा का चिरागभर जलाने के सिवाय….

इधर जो सरकारी सौजन्य से अथवा एनजीओ द्वारा कागज में जो वृक्षारोपण कराए गए थे, उनके बल्ले-बल्ले; क्योंकि बाढ़ के कारण वो पौधे तो बह गए !

जिनकी खेत में फसल लगी ही नहीं थी, वे माँगेंगे बाढ़ से नष्ट होने को लेकर फसल क्षतिपूर्त्ति…. चलेगी तब बंदरबाँट !

बाढ़ (आपदा) फिर बाढ़ राहत वितरण, तब फिर बाढ़ राहत घोटाला । अंत में जाँच और परिणाम फिस्स; यही तो होता है आजतक !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.