गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

दर्द आँखों ने कह दिया होगा।
जब जिक्र प्यार का हुआ होगा।।
याद आये होंगे उसे जब तुम।
अश्क आँखों से ही बहा होगा।।
सीं लिये उसने लब तेरी खातिर।
फिर भी बदनाम वो हुआ होगा।।
होके पागल यहां वहां साहिब।
नाम दीवारों पे लिखा होगा।।
नज्म गायीं होंगी मुहब्बत की।
दिल की आवाज भी सुना होगा।।
उदास दिल हुआ परेशां जब।
खत सहम कर तुझे लिखा होगा।।
हाले दिल रह न जाये बाकी यूं।
खत यही सोच फिर पढ़ा होगा।।
— प्रीती श्रीवास्तव

प्रीती श्रीवास्तव

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