कविता

हार्मोन्स

आज मनवा उदास
दिल बेकरार है
क्यों
मैं खुद इससे अनजान
कल तक तो सब ठीक था
आज ऐसा बदलाव क्यों
बहुत सोचा समझा
किसी परिणाम पर न पहुंचा
फिर विज्ञान लगाया
समझ में आया
शायद किसी हार्मोन्स का
स्त्राव कारण होगा
*

 

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020