कविता

मछली बाज़ार

गलती उसी से होती है,
जो कार्य करते हैं !
वरना निकम्मे की
जिंदगी,
दूसरे की बुराई
करने में
निकल जाती हैं !
मुझे आजतक
जो भी मित्र मिले,
उनमें अधिकांश
स्वार्थी मिले..
निःस्वार्थ वाले
मित्रो का प्रतिशत
अत्यंत कम है..
तुम मेरी हँसी हो
और खास भी,
तुम मेरी हो,
बिल्कुल पास भी !
हम मनुष्य हैं,
बावजूद
अपने नाम के साथ
उपनाम के रूप में
पशु (सिंह) का नाम
जोड़े रखते हैं !
हम बिछुड़े हैं,
तभी हम पिछड़े हैं !
जगह उपलब्ध
नहीं कराए जाने से
मनिहारी के
नवाबगंज चौक सटे
सड़क पर है
मछली बाज़ार !
दुर्गंध से पैदल राही
परेशान !
वीआईपी का घर
है पास !
गरीब राजा के सपूत
‘तेजस्वी’ के
विलासितापूर्ण बंगला में
अब एक और
सुशील ‘गरीब’
रहने को आये !
हरतरफ से
गरीबों के साथ
मज़ाक !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.