कहानी

किसान हुकम सिंह

कंधे पर रखे हल धरती पुत्र हुकुम सिंह अपने खेतों की मेड़ पर चला जा रहा था | पीछे से उसका बेटा श्याम देख कर बोला कि पिताजी आपका  कुर्ता पीछे से कई जगह से फट रहा है | उसने कहा पिताजी इस बार आप अपने लिए नया कुर्ता खरीद लेना !  हुकम सिंह ने जवाब में कहा कि जब वैशाख में हमारी फसल बिकेगी | तब अपने साथ पूरे परिवार के लिए नए कपड़े खरीदेंगे | खेत पर पहुंचकर हुकुम सिंह ने बेलों के कन्धों पर हल रखकर खेत को जोतना शुरू कर दिया | उसने कुछ सब्जियां एवं कुछ गेहूं की खेती की, धरतीपुत्र ना दिन  देखें ना रात, गर्मी,सर्दी और बरसात में अपने खेतों में लगन के मेहनत करता है |
चंद दिनों बाद होली का त्यौहार आने वाला है किसान की पत्नी सुनीता ने कहा कि घर में त्यौहार मनाने के लिए पैसे नहीं हैं | हुकुम सिंह ने कहा देखते हैं अभी फसल तैयार नहीं है, और सब्जियों के पौधे अभी छोटे- छोटे हैं | जिसमें टमाटर और गोभी की पौध तो बहुत छोटी है | पत्नी ने सुझाव दिया क्यों ना हम चंदवक की हाट में अपनी टमाटर और गोभी के पौधों को बेचा जाए जिससे घर में कुछ आमदनी आ सके |
हुकुम सिंह ने भोर होते ही बेटे श्याम के साथ खेतों से टमाटर एवं गोभी की पौध को मिट्टी सहित उखाड़ ली | साथ में पत्नी सुनीता को समझाया कि शाम को इन पौधों को बेचकर हम होली का त्यौहार मनाएंगे | धरती पुत्र ने साइकिल से ही चंदवक की मंडी में अपने पौधों को ले पहुंचा | मंडी में और भी किसान अपनी-अपनी दुकान सजाए हुए थे | दुकान पर बैठा बेटा श्याम पौधों में पानी छिड़क रहा था | जिससे पौधे हरे बने रहे | पिता ने बेटे से कहा कि एक रुपए के हिसाब से एक पौधा बेचना है | उन दोनों के पास लगभग चार सौ पौधे थे |
बेटे श्याम ने मात्र पंद्रह रुपए के ही पौधे ही बेच पाए थे | उसी समय दो पुलिस वाले माइक में आवाज लगाते हैं कि मंत्री जी अा रहे हैं , सड़क को खाली कर दें |
हुकम सिंह की समझ में नहीं आया कि पता नहीं वो क्या बोल रहे हैं | तुरंत बाद एक पुलिस वाला आया और हुकम सिंह से गुस्सा करते हुए बोला | तुझे समझ में नहीं आ रहा है कि आज मंत्री जी आ रहे हैं | हमें सड़क के किनारे बिल्कुल साफ-सफाई चाहिए | इतने में पुलिस वालों ने उसकी टमाटर एवं गोभी की पौध को सड़क पर फेंक दिया! सड़क पर चल रहे वाहनों ने उसकी टमाटर एवं गोभी की पौध को कुचल दिया | उस समय वाहनों ने उसकी की पौध को नहीं बल्कि हुकम सिंह के अरमानों को कुचल दिया गया | यह सब देखकर धरतीपुत्र की आंखों में आंसू आ जाते हैं | पुलिस वालों से वह कुछ कह ना सका  |
कुछ ही क्षणों में मंत्री जी का रोड शो होता हुआ आता है | जिसमें मंत्री जी सबकी तरफ हाथ हिलाते हुए सब को झूठा अभिवादन कर रहे थे | और आगे की ओर बढ़ते चले जा रहे थे | उसी क्षण हुकम सिंह अपने मन ही मन सोचने लगा कि अपने बचपन को भूल कर मैं अपने खेतों में ना दिन देखा ना रात ,ना गर्मी ,ना सर्दी और नहीं बरसात में हम लोग इन खेतों को ही समर्पित हो गए हैं | दुनिया वाले हमें धरतीपुत्र कहती है | लेकिन धरती माता से हमें कुछ मिलता नहीं है | सुनीता और बच्चों को जो आश्वासन देकर आया था | कि होली का त्यौहार पौधे बेचकर मनाएंगे  | मैं अब पत्नी व बच्चों को क्या जवाब दूंगा कि हमारे पौधों को कुचल दिया गया है, इस बार हम होली का त्यौहार नहीं मना पाएंगे | अब मै अपने घर में किस तरह से जवाब दूंगा | बच्चे कहेंगे कि पिताजी हमारे झूठे हैं | हुकम सिंह ने पन्द्रह रुपए की जलेबी खरीद कर श्याम को घर भेज दिया | और कहा कि तुम बेटा घर चले जाओ मैं पीछे से घर आऊंगा |
हुकुम सिंह घर ना जाकर अपने खेतों पर चला जाता है |कुछ सोचने के बाद खेत पर लगे नीम के पेड़ पर अपने गमछे से फंदा बनाकर छूल जाता है | हुकम सिंह के प्राण उसी समय पखेरू हो जाते हैं | उसके आसपास कोई नहीं होता हैं | रात में करीब दो बज चुके थे | सुनीता को हुकम सिंह की चिंता होने लगी | पता नहीं वह अब तक घर क्यों नहीं आए ? उसी क्षण सुनीता बेटे श्याम को साथ लेकर घर-घर पूछती हैं  कि कहीं श्याम के पिताजी तो नहीं आए  | ढूंढते-ढूंढते सुबह के चार बज चुके थे | उसी समय पड़ोस के किसान धनुआ ने बताया कि हुकमा ने फांसी लगा ली है | यह सुनकर सुनीता के पैरों तले धरती खिसक गई, रोते-रोते सुनीता बच्चों के साथ खेत पर पहुंचती है |  मृत हुकम सिंह को देखकर फूट-फूट कर रोने लगती हैं | सुनीता हुकम सिंह के पैर पकड़ कर कहती हैं, कि  हमें नहीं पता था कि आपके साथ बाजार में यह घटना हो गई है  | हमें नहीं मनाना त्यौहार हमें तो आप चाहिए |
क्या धरती पुत्र किसान होना गुनाह है | क्या हुकम सिंह का परिवार इस मातम के साथ घर में होली का त्यौहार मना पाएंगे | हुकम सिंह की मौत का असली जिम्मेदार कौन है ? मंत्री जी या फ़िर पुलिस बाला या फिर उसके हालत !
आखिर धरती पुत्र होना कोई नहीं गुनाह है…………..
— अवधेश कुमार निषाद मझवार

अवधेश कुमार निषाद मझवार

ग्राम पूठपुरा पोस्ट उझावली फतेहाबाद आगरा(उत्तर प्रदेश) M-.8057338804