कविता

जिंदगी के रंग

तेरे जीवन में रंग ,
तो ………तेरे ही भरने से आएगा।
कोई रंग भरने ,
जीवन में तेरे ,
बाहर से नहीं आएगा ।

किस सोच में …….हो ।
कोई बांध के ,
रंगों को सारे,
इंद्रधनुष…..!
तेरे हाथ में थमा जाएगा।

जिंदगी को तेरी ,
रंगों से रंगीन ,
वह कर जाएगा ।
कोई रंग भरने ,
जीवन में तेरे ,
बाहर से नहीं आएगा ।

हकीकत के ,
उन बदरंग दागों से लड़।
तू अपनी……
हिम्मत से,
जिंदगी में रंग नये …
जब तक ना भर पाएगा ।

दुनिया के ,
रंगों के इंतजार में ,
बंदरंग तू हो जाएगा ।
कोई रंग भरने,
जीवन में तेरे,
बाहर से नहीं आएगा ।
तेरे जीवन में असल रंग तो ,
तेरे भरने से ही आएगा ।

— प्रीति शर्मा “असीम”

प्रीति शर्मा असीम

नालागढ़ ,हिमाचल प्रदेश Email- aditichinu80@gmail.com