धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

रामायण लीला

सनातन धर्म के विद्वान् धर्माचार्यों के अनुसार इतिहास में कई ‘रामायण’ ग्रन्थ का उल्लेख है, यथा- वाल्मीकि रामायण, कम्ब रामायण, तमिल रामायण, मॉरिशसी रामायण, रामचरितमानस इत्यादि।

परंतु सभी रामायणों में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मदिवस ‘चैत्र शुक्ल नवमी’ तिथि उद्धृत है, जिसे हिन्दू धर्मावलंबियों द्वारा ‘राम नवमी’ नाम से प्रतिवर्ष मनाये जाते रहे हैं । हालांकि श्रीलंका और द. भारत के तमिलनाडु आदि स्थानों में अब भी रावण की पूजा होती है । कारण जो भी रहा हो, किन्तु ‘राम-नाम सत्य है’ कहा जाने  में राम के प्रति आदर, श्रद्धा और आस्था लिए ‘जगजीवन’ का बोध होता है।

यह सुखद आश्चर्य ही है, इसबार ‘राम नवमी’ की तारीख 5 अप्रैल को रहा और इसी तारीख को भारत के पूर्व उप-प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम का जन्म-  जयंती भी रहा । त्रेता के राम भी जगजीवन के राम थे और 1947 के बाद के  ‘राम’ भले ही उपनाम लिए है, परंतु जगजीवन के साथ है, जो आजीवन दलितों, शोषितों, वंचितों, पीड़ितों के अधिकार के प्रति लड़ते रहे।

रामायण के राम वनवास के बाद राजा राम हुए, तो जगजीवन बाबू भी अंग्रेजी दासता से मुक्ति पाकर ही देश के उप-प्रधानमंत्री बन पाए । रामनवमी में श्रीराम के दास भक्तवत्सल हनुमान जी भी अपने स्वामी की भाँति ही पूजे जाते हैं।

गोस्वामी तुलसीदास जी ने ‘बजरंग बली’ के आराधना में ‘हनुमान चालीसा’ भी लिख डाले, जो कि आज सर्वाधिक पढ़ी जानेवाली धार्मिक पुस्तकों में एक है ।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.