कविता

महर्षि मेंहीं के प्रति

बीसवीं सदी के बुद्ध
परमादरणीय
“महर्षि मेंहीं परमहंस”
शत शत नमन….
उत्तर भारत,
नेपाल, भूटान
और जापान तक
प्रख्यात हुए
संतमत-सिद्धांत के
लेखक-विचारक
परमसंत ‘महर्षि मेँहीँ’ की
137वीं जन्म-जयंती
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर
सभी आस्थावलम्बियों,
सत्संगीजनों को
सादर नमन….
ध्यातव्य है,
महर्षि जी के
‘सत्संग योग’
चतुर्थ भाग की
पहली समीक्षा
मैंने की थी,
जो प्रसारित
और प्रकाशित भी
हुई थी बहुत पहले !
20वीं सदी के बुद्ध
महर्षि मेंहीं परमहंस
जिनसे प्रेरणा पायी,
शाकाहार अपनाने की
और झूठ, चोरी, नशा, हिंसा
और व्यभिचार तजने की !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.