गीतिका/ग़ज़ल

गजल

हो जाए तो बिल्कुल रोना नहीं

मनोबल को अपने खोना नहीं

लोगों से तोड़ लो अभी साथ अपना

अभी साथ किसके तुम होना नहीं

बहाने न बनाओ हाथ धोकर के आओ

कभी मत बोलो कि हाथों को धोना नहीं

जीवन अनमोल है इसको रखो महफूज

व्यर्थ में तुम इसको खोना नहीं

अभिषेक जैन

माता का नाम. श्रीमति समता जैन पिता का नाम.राजेश जैन शिक्षा. बीए फाइनल व्यवसाय. दुकानदार पथारिया, दमोह, मध्यप्रदेश