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सावनी यात्रा लिए पहले का रोजनामचा

मेरे परिवार में डेढ़ दर्जन शिक्षक हैं, सबने थोड़ा-बहुत अवश्य चंदा दिया है । अगर 70 हजार नियोजित शिक्षक चंदा नहीं भी दिए हों, वहीं कुछ नियमित शिक्षकों ने चंदे दिए ही हैं ! फिर चंदा की राशि उच्चतम 1,000 रुपये है, तो न्यूनतम 100 रुपये ! अगर 3 लाख नियोजित शिक्षक 100 रुपये ही चंदा दिए हों तो 3 करोड़ रुपये होते हैं ! यह 3 करोड़ की राशि ‘केस’ लड़ने के लिए कम है क्या ? मैंने भी LL B का अध्ययन किया है । फिर यहाँ दूसरी और तीसरी बार चंदा माँगने का क्या मतलब ? क्या औचित्य ?

अगर सिर्फ ‘बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ’ ही शरीर खुजलाये, तो अकेले वे केस लड़ सकते हैं ! कहा जाता है, यह संघ धनी संस्था है ।
परंतु तथ्य क्या है, अबतक अंधेरे में हूँ । इतना ही नहीं, चंदे के नाम से कोई प्रामाणिक रसीदें नहीं दी जाती है।

अगर इसपर किसी को कुछ भी कहना है, तो सुस्पष्ट करेंगे !
किसी भी डिमांडिंग पैसे का हिसाब नहीं दिए जाना ही ‘भ्रष्टाचार’ है !
जब माननीय न्यायाधीश महोदय यह कहते हैं कि ‘शिक्षक’ राष्ट्रनिर्माता होते हैं, तो अपना ‘वकील’ महोदय के लिए भी यह बात लागू है, वे भी तो किसी न किसी शिक्षक के छात्र रहे ही होंगे ! इन संघों के वकील महोदय क्या इन दुःखयारी राष्ट्रनिर्माताओं के लिए मुक़द्दमें मुफ़्त नहीं लड़ सकते हैं ?

सावन में रंग-बिरंगी छतरी संभाले एक 40 पार की कुंवारी कन्या मिल जाय, जो मेरी आँखें चार कर दे ! …तो छतरी को ‘छाता’ बनाकर मैं निश्चितश: ताउम्र ‘छाती’ से लगा बैठूंगा ! धरती और अंतरिक्ष के सभी सजीव प्राणियों को मेरी ओर से।

मनिहारी में यानी कटिहार की ओर से आये टेम्पो को मनिहारी पहुँचने के 2.5 कि.मी. पहले ही जबरिया खाली कराते देखा, वैसे यात्री जो काँवरिया नहीं हैं, उसे भाड़ा भी देने पड़े और मनिहारी के लिए कड़ी धूप में 2.5 कि.मी. पैदल चलना पड़ा । स्थानीय प्रशासन को काँवरियों व श्रावणी भक्तों से इतर उन सामान्य यात्रियों को परेशानी से बचाने के लिए भी कार्य करने चाहिए।

काँवरियों के लिए मनिहारी नगर पंचायतीय मार्ग पर ऐसे सामग्री खुले भोजन-खुला-आकाशालय भी देखा गया, जिनके भोजन-परोसक काँवरियों को जबरिया prepaid खिलाने को तत्पर तो थे ही, साथ ही रुपये ज्यादा ही वसूलते होते ! हमारे प्रतिनिधियों को इस कृत्य पर भी निगरानी रखवाने चाहिए !

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.