भजन/भावगीत

हे महादेव

जय देव हे प्रभु महादेव
चरण पड़ा शरण देव
दुखियों के दुख हरो
महादेव दया करो।
हे परम पिता परमात्मा
रहा करो मेरी आत्मा
आप जगत पिता हो
जीवन के दाता हो।
चरण शरण में रखना देव
नमन करती हे महादेव
भगवन अंतर्यामी हो
आप शिवगुरु हो।
आप से ये जीवन शुरू हो
आप चाहें तो अन्त हो
हे शिव त्रिनेत्र धारी
कष्ट हरो हमारी।
आपके सिवा ना कोई मेरा
मेरी यह प्राण भी है तेरा
खुद विस को पीते हो
अमृत को लुटाते हो।

— श्रीमती देवन्ती देवी चंद्रवंशी

देवन्ती देवी चंद्रवंशी

धनबाद झारखंड