गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

और बाक़ी मिठाइयाँ छोड़ूँ
मैं भला क्यों जलेबियाँ छोड़ूँ

हुस्न नमकीन को न छोड़ सकूँ
रक्त-गति की दवाइयाँ छोड़ूँ

जब तलक बाम पर रहे चन्दा
तब तलक मैं न खिड़कियाँ छोड़ूँ

इस क़दर मैं नहीं मियां बुद्धू
हाथ आयीं कलाइयाँ छोड़ूँ

इश्क़ छोड़ूँ यही नहीं होगा
ये भले हो लड़ाइयाँ छोड़ूँ

मैं दुखी हूँ उदास हूँ तो क्या
हर तरफ़ दुख, उदासियाँ छोड़ूँ

छोड़कर जब जहान जाना हो
प्यार की कुछ कहानियाँ छोड़ूँ

केशव शरण

वाराणसी 9415295137