कविता

बदल गए

वही दिन है वही रातें

वही चांद है वही सितारे
वही है रात के नजारे
वही है बातें वही एहसासें
वही है तन्हाईयां वही है सरगोशिया
वही है ग़म के अफसाने।
वही है हवाएं वही है बरसाते
वही है रिमझिम की फुहारें
वही है वादियां वही है फिजाएं
वही है झरने वही है नदियां
वही है लहरों की अठखेलियां।
वही है पल वही है पल छिन
वही है समय की पाबंदियां
वही है रास्ते वही चौराहे
वही है लोग मगर कितने बेगाने।
वही है मय वही है मयखाने
वही है सब मय के दीवाने
वही है साथ वही तराने
जिंदगी लगी नई गीत गुनगुनाने
वही हो तुम वही है हम
कितने बदल गए रास्ते हमारे।।
— विभा कुमारी “नीरजा”

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P