कविता

शहीदों को श्रद्धा पुष्प

आज चौदह फरवरी है
ये तारीक हमें झकझोर देती है
आंखें नम कर देती है।
आत्मा तक सिहर जाता ता है,
क्योंकि हमें याद आता है
चौदह फरवरी दो हजार उन्नीस का दिन
और नापाक पाकिस्तान की कायरना चाल
जब हमारे चालीस रण बांकुरों को
शहीद कर दिया
सीआरपीएफ के ट्रक को रास्ते में
विस्फोटक भरी कार से टकरा दिया।
देश इस घटना से संपन्न रह गया
पाक एक बार फिर
पीछे से वार करने में सफल हो गया।
देश में गम के साथ गुस्सा भी था
सबके सिखाने का सरकार पर दबाव रंग लाया
हर भारतवासी की भावना को सरकार ने
आदेश मान मन में ठान लिया,
अपने जवानों की शहादत को सम्मान देने के लिए
बालाकोट पर सर्जिकल स्ट्राइक कर
सारी दुनिया को चौंका दिया
नापाक पाक को बड़ा सदमा दे दिया।
शांन्ति प्रिय भारत ऐसा भी कुछ कर सकता है
पाक को ये गुमान भी न था
खिसियानी बिल्ली बनकर रह गया,
अपने गुर्गों की मौत तक को नकार गया।
लेकिन इतना तो समझ ही गया
पुराना भारत अब बहुत बदल गया,
ईंट का जवाब पत्थर से देने का उदाहरण दे गया
बालाकोट हमले से दुनिया को भी पता चल गया
भारत का नेतृत्व निडर मोदी के हाथों में आ गया।
एक वो चौदह फरवरी थी जब अंग्रेजी हूकूमत ने
भगतसिंह सुखदेव राजगुरु को
फाँसी की सजा आज ही सुनाई थी।
हम अपने हर वीर जवानों को
बारंबार नमन करते हैं,
मातृभूमि की खातिर जो शहीद हो गये
हम उनके सम्मान में अपना शीश झुकाते हैं
श्रद्धा के दो सुमन पुष्प हम उनको रोज चढ़ाते हैं।
पर हम शर्मिंदा भी हैं देश के दोगले नेताओं से
जो अपने स्वार्थ में जाने क्या क्या बक जाते हैं
और अपने वीर जवानों के शौर्य पर प्रश्न उठाते हैं
बेशर्मी तो देखो इनकी सेना से सबूत मांगते हैं
लीला इन नेताओं की दुश्मन का मान बढ़ाते हैं
उनके बेसुरे सुर में ये अपना सुर भी मिलाते हैं।
वैलेंटाइन का आज सुरुर युवा वर्ग पर हावी है
आधुनिकता की आंधी में उड़ती कैसी ये परिपाटी है।
हम अपने वीर जवानों पर नाज सदा ही करते हैं
पुलवामा के सभी शहीदों को हम श्रद्धा पुष्प चढ़ाते हैं।

 

*सुधीर श्रीवास्तव

शिवनगर, इमिलिया गुरूदयाल, बड़गाँव, गोण्डा, उ.प्र.,271002 व्हाट्सएप मो.-8115285921