मौन…..
क्यूं है…? लेखनी मौन क्यूं है? कल्पनाएं गौण क्यूं हैं? बढ़ रही हैं मुश्किलें फिजां खामोश क्यूं है आ रही
Read Moreसंतुष्टि सुनो! व्याप्त है अगर.. तुम्हारे हृदय में मेरे प्रेम का सुर्ख गुलाबी रंग तो तुम जरूर महसूस करोगे मेरे
Read Moreये औरतों के अस्तित्व और इसके मायने क्या समझ भी पाती हैं सभी स्त्रियां मुझे तो नहीं लगता ! क्योंकि
Read Moreदुहराती है जिंदगी बीते पलों को एक बार फिर से हां, सोचा न था.. कि तुमसे बिछड़ने के बाद मिलेंगे..
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