Author: *डॉ. भगवत स्वरूप 'शुभम'

हास्य व्यंग्य

व्यंग्य – उनका शगुन बिगाड़ें !अपनी नाक कटवाएँ !

दूसरों को देखकर ,जी हाँ, मात्र देखकर जलने लगना ,मानव स्वभाव है।’स्व’ अर्थात अपना भाव है।अर्थात यह भाव किसी अन्य

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