गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/02/2023 ग़ज़ल निगाहें मिलाना, मिलाकर झुकाना मुहब्बत नहीं है तो फिर और क्या है अकेले बिना बात के मुस्कुराना मुहब्बत नहीं है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/02/2023 ग़ज़ल इश्क में तेरे कुछ ऐसे मर मिटा हूँ मैं तू ही तू है मुझमें अब कहाँ बचा हूँ मैं उगेगा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 23/02/2023 ग़ज़ल कोई नगमा गुनगुनाकर ज़रा सा इश्क रख देना अश्क दो-चार बहाकर ज़रा सा इश्क रख देना रूह मेरी सुकूं पा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 21/02/2023 ग़ज़ल इश्क में तेरे कुछ ऐसे मर मिटा हूँ मैं तू ही तू है मुझमें अब कहाँ बचा हूँ मैं उगेगा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 15/01/202301/02/2023 ग़ज़ल अपनी-अपनी ख्वाहिशों की आग में जलता मिला इस गज़ब की भीड़ में हर आदमी तनहा मिला सुबह से लेके शाम Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/12/2022 गज़ल छोड़कर अपना मैं और तुम आओ हम बनाते हैं मिला कर सारे सुर कोई नई सरगम बनाते हैं ============================ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/12/2022 गज़ल न कर बर्बाद अपना वक्त ए दीवाने जा नसीब अपना कहीं और आज़माने जा ======================== तेरे अपनों को तो Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/12/2022 गज़ल माना कि ये ज़माना बेरहम है दोस्तो पर आपके होते हुए क्या गम है दोस्तो ======================== इतना प्यार आपसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/12/2022 ग़ज़ल इश्क से चोट लगती है हया से चोट लगती है, मेरे टूटे हुए दिल को वफा से चोट लगती है, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *भरत मल्होत्रा 22/12/2022 ग़ज़ल ना चाँद सजाया माथे पर ना दामन भरा सितारों से जज़्बा-ए-इश्क लिए दिल में हम खेले हैं अंगारों से ============================== Read More