वेद एवं वैदिक साहित्य का महत्व
ओ३म् वेद एक शब्द है। यह संस्कृत भाषा का शब्द है। इसका अर्थ ज्ञान व जानना होता है। संसार में
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Read Moreओ३म् सन्ध्या एक शास्त्रीय विधान है जिसका अनुष्ठान प्रत्येक स्त्री व पुरुष का कर्तव्य है। शैशव काल से माता-पिता के
Read Moreइस वर्ष भी तुमने मेरे पुतले का दहन कर ही दिया;आखिर कब तक मुझे जलाने का ढ़ोंग कर अपने दम्भ
Read Moreबीते दिनों एक घटना ने मुझे विचलित कर दिया। द्वार पर तीन भगवा वस्त्रधारी आकर खड़े हुए और उन्होंने कॉल
Read Moreनवरात्रे आरम्भ हो गए है। विजयदशमी भी आएगी। अपने आपको अम्बेडकरवादी, मूलनिवासी, साम्यवादी कहने वाले विजयदशमी के स्थान पर महिषासुर
Read Moreविश्वकर्मा की नगरी टाटानगर पौराणिक मान्यता के अनुसार जब विप्र सुदामा विपन्न अवस्था में अपने सहपाठी मित्र श्री कृष्ण से
Read Moreहमारे प्रथम रुदन से लेकर अंतिम श्वाश तक जीवन अनुभवों का एक सिलसिला है। सम्पूर्ण जीवन काल में हम प्रेम
Read Moreहमारे देश के भूतपूर्व राष्ट्रपति डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को ही उनके एक उच्च शिक्षक को श्रद्धांजलि के रूप
Read Moreलौकिक और अलौकिक जगत की अवधारणा सभी धर्मों में मान्य की गई है।लौकिक जगत जिसमें हम निवास कर रहे हैं
Read Moreओ३म् मनुष्य का जीवन व चरित्र उज्जवल होना चाहिये परन्तु आज ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। जो जितना
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