राजनीति

बिहार में महा ठग-बंधन

लगभग 22 साल तक एक दूसरे को कोसते रहने के बाद लालू और नीतिश फिर एक साथ आ गए और कांग्रेस के साथ मिलकर उन्होंने महा गठ-बंधन बना लिया है, जिसे जानकर लोग महा ठग-बंधन कह रहे हैं. देश में मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा के उभार ने उनको एक साथ आने पर मजबूर किया है, जिसे वे सिद्धांतों का जामा पहनाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं.

अभी कुछ ही दिन पहले तक लालू और नीतीश एक दूसरे की शक्ल तक से नफरत करते थे और शब्दकोश की सारी गालियों का नियमित सदुपयोग एक दूसरे के लिए किया करते थे. अब वे ही साथ-साथ खड़े होकर गलबहियां डालकर खीसें निपोरते हुए फोटो खिंचवा रहे हैं. यह देखकर बेचारे गिरगिट भी शर्म से पानी-पानी हो गए होंगे.

lalu-and-nitish

इस ठगबंधन की असली औकात तो आगामी विधानसभा उपचुनावों में पता चल जाएगी, लेकिन जनता में इनकी छवि कैसी है उसका नमूना इसी सभा में मिल गया, जिसमें मुश्किल से हज़ार-बारह सौ लोग शामिल हुए थे. हालाँकि जनता को लुभाने के लिए उन दोनों ने ही छेदों-वाली टोपी पहन रखी थी, ताकि कम से कम मुसलमान तो सभा में आ ही जाएँ. पर अफ़सोस वे भी गिने-चुने ही थे, क्योंकि वे भी इन रँगे सियारों की असलियत अच्छी तरह जानते हैं.

2 thoughts on “बिहार में महा ठग-बंधन

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    इन लोगों का किया भरोसा , इन्हें देश की नहीं अपनी कुसी की इच्छा ज़िआदा है.

    • विजय कुमार सिंघल

      सही कहा जी. कुर्सी ही इनका एकमात्र ईमान-धर्म है.

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