कविता

”कविता लिखो”

एक भावना दिल की
मचल कर लगे कहने
मुझ पर कविता लिखो….
कुछ ख्वाब अधूरे से
टूट कर लगे कहने
मुझ पर कविता लिखो….
एक तमन्ना अनसुलझी सी
कहती है बार-बार …
यूँ तमन्नाओं की आरजू में
मुझ पर कविता लिखो …….
रंग-बिरंगे फूलों की खुश्बू
दसों दिशाओं में बिखरी है
और इन फूलों पर भंवरे
इठलाकर लगे कहने
मुझ पर कविता लिखो……
दूर गगन के सन्नाटे में
एक तारा टूट कर
अंबर में एक चमकीली रेखा छोड़कर
है कहता ,
मुझ पर कविता लिखो

…….संगीता सिंह ‘भावना’

संगीता सिंह 'भावना'

संगीता सिंह 'भावना' सह-संपादक 'करुणावती साहित्य धरा' पत्रिका अन्य समाचार पत्र- पत्रिकाओं में कविता,लेख कहानी आदि प्रकाशित

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